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दतुअन का अर्थ

दतुअन अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. जिसका मतलब यह हुआ की सच्चे मन से पूजा करने के लिए उपवास करना आवश्यक है और जिसमें दतुअन भी नही करना है , पूजा के बाद दतुअन करना है।
  2. जिसका मतलब यह हुआ की सच्चे मन से पूजा करने के लिए उपवास करना आवश्यक है और जिसमें दतुअन भी नही करना है , पूजा के बाद दतुअन करना है।
  3. मोटी दतुअन जो करै , इसका अर्थ नहीं बताया थोडा समझ नहीं आया | बहुत अच्छी अच्छी जानकारिया दी आप ने धन्यवाद बहुत अच्छी अच्छी जानकारिया दी आप ने धन्यवाद पंडित जी,
  4. चुनाव के बाद भी बिहार शांत नहीं लगता है . ...सुबह सुबह दतुअन के साथ लोग इस बहस में लगे दिखते हैं कि किसने किसको क्यों और कैसे वोट दिया है और अब आगे क्या किया जाना चाहिए.
  5. गूलरी को क्या , सहरीया बोली हो या गंवई बोली , उसे का ? कौनो चुमौनी लेना है ? बाकि एक बात है , चार दिन में एक बार दतुअन करती है सरीफेवाली , तिसपर नहायेगी भी हफता में एक बार।
  6. मैं सवाल के अचक्के में गंदे पजामे का पिछवाड़ा खुजलाता अपने को कोसता रहा कि सुबह से मनोहर के बगीचे से नीम के पत्तों और दतुअन की चोरी की इतनी अच्छी प्लैनिंग लिये टहल रहा था , प्लैनिंग अभी भी जेब में ही है, और पैर जो हैं फिर गफ़ूर के जलते कड़ाहे में फंसते दीख रहे हैं!
  7. एक ओर जहाँ कई जगह से हिन्दु लोगन का संगे-संगे मुसलमान आ सिख भाईयन के भी छठ मनाये के खबर आ रहल बाटे , ओहिजे दोसरा ओर घाट के किनारे सब सम्प्रदाय के लोगन के छठ-व्रतियन खातिर चाय-बिस्कुट, दतुअन आ अरघ खातिर दुध के व्यवस्था करत देख के लागल कि ई पर्व एह देश के एक सूत्र में बाँध देले बाटे।
  8. प्रतिदिन के रूटीन में भी साफ सफाई का विशेष ध् यान था , प्रतिदिन अपने घर , द्वार , आंगन , गोशाले की सफाई जहां अपने पर्यावरण को स् वस् थ जीवन जीने के लायक बनाती थी , वहीं सुबह सवेरे शौच , दतुअन , स् नान किया जाना और बिना नहाए धोए न तो रसोई बनाना और न खाना भी स् वस् थ परंपरा ही थी।
  9. प्रतिदिन के रूटीन में भी साफ सफाई का विशेष ध् यान था , प्रतिदिन अपने घर , द्वार , आंगन , गोशाले की सफाई जहां अपने पर्यावरण को स् वस् थ जीवन जीने के लायक बनाती थी , वहीं सुबह सवेरे शौच , दतुअन , स् नान किया जाना और बिना नहाए धोए न तो रसोई बनाना और न खाना भी स् वस् थ परंपरा ही थी।
  10. मैं सवाल के अचक् के में गंदे पजामे का पिछवाड़ा खुजलाता अपने को कोसता रहा कि सुबह से मनोहर के बगीचे से नीम के पत् तों और दतुअन की चोरी की इतनी अच् छी प् लैनिंग लिये टहल रहा था , प् लैनिंग अभी भी जेब में ही है , और पैर जो हैं फिर गफ़ूर के जलते कड़ाहे में फंसते दीख रहे हैं ! मेरी जगह जवाब बनवारी ने दिया , ‘ भइय्या अचपच , हेरान काहे ला जायेंगे ?
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