दिनमणि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सखी , मैं उसे प्यार करतीं हूँ : दिनमणि से ले किरण कान्ति की मधुऋतु से यौवन की काया कुसुम-सुरभि से मृदुल प्राण ले सुरधनु से सतरंगी माया निशि-तम में अभिसार , दिवस-आभा में मिल विहार करतीं हूँ .
- सखी , मैं उसे प्यार करतीं हूँ : दिनमणि से ले किरण कान्ति की मधुऋतु से यौवन की काया कुसुम-सुरभि से मृदुल प्राण ले सुरधनु से सतरंगी माया निशि-तम में अभिसार , दिवस-आभा में मिल विहार करतीं हूँ .
- हे करुनाकर हे ईश्वर , जन मन का तम हर दो | अंतस में सघन अँधेरा , आलोक पुंज कर दो || तुम तारे भरने वाले , इस नीरव नील निलय में | मैं नहीं मांगता दिनमणि , बस जुगुनू सा कर दो || . शैलेश जी आपको व सभी ब्लोगर्स को धनतेरस और दीपावली की शुभ कामनाएं ।
- उस क्षण की भिखमंगिनी बनी बावरिया बरसाने वाली - क्या प्राण निकलने पर आओगे जीवन वन के वनमाली ॥१८॥ - पूछा “क्यों उर्मिल उदधि चंद्रकर झूम झूम चूमता सदा ? निज अंतरालगत सलिल सम्पदा दिनमणि को बांटता मुदा ? किस विकल वेदना में चकोर चुगता पावक का अंगारा ? क्यों सोम-सूर्य करते फेरी अपलक निहारता ध्रुव तारा ? क्यों नीरव नभ से निशा सुन्दरी धर्काती दृग मोती है ? किस सुख में 'पंकिल' धरा ह्रदय संपुटित संपदा खोती है ?”