दुविधाजनक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उसके मानसिक सहारे की तो हम बात करते है पर परिवार के मानसिक आघात पर हम नहिं सोचते , क्यों ? समाज परिवार को फर्क पडता है , यदि गीतो में मुन्नी व शीला नामों के मात्र प्रयोग से कई परिवारों की स्थिति दुविधाजनक हो जाती है तो फ़िर यह तो उस परिवार से सीधा सम्बन्ध है।
- इस कार्यक्रम में एक बात दुविधाजनक लगती हैं , इस आधे घंटे के कार्यक्रम में , एक ही समय में हम हिन्दी सिने जगत में सत्तर के दशक से आई आवाजो को छोड़ कर सभी गायक कलाकारों को सुनते हैं यानि एक ही साथ कुंदनलाल सहगल साहब , नूरजहाँ और आशा भोंसले की आवाजे हम सुनते हैं।
- एक ऐसे समय में जब यह मान लिया गया हो कि कविता या या सरल-मति में साहित्य ही , हमारे समय के संघर्षों में हमारा बहुत साथ देने लायक नहीं रहा है, हालाँकि उससे कमतर-बदतर चीजों और लोगों से हम आस लगाये बैठे हैं, “बूथ पर लड़ना” सरीखी कविताएं बोध,विचार, विवेक और अनिर्णय की हमारी दुविधाजनक स्थिति को बदलती है।
- एक ऐसे समय में जब यह मान लिया गया हो कि कविता या या सरल-मति में साहित्य ही , हमारे समय के संघर्षों में हमारा बहुत साथ देने लायक नहीं रहा है, हालाँकि उससे कमतर-बदतर चीजों और लोगों से हम आस लगाये बैठे हैं, “बूथ पर लड़ना” सरीखी कविताएं बोध,विचार, विवेक और अनिर्णय की हमारी दुविधाजनक स्थिति को बदलती है।
- एक ऐसे समय में जब यह मान लिया गया हो कि कविता या या सरल-मति में साहित्य ही , हमारे समय के संघर्षों में हमारा बहुत साथ देने लायक नहीं रहा है , हालाँकि उससे कमतर-बदतर चीजों और लोगों से हम आस लगाये बैठे हैं , '' बूथ पर लड़ना '' सरीखी कविताएं बोध , विचार , विवेक और अनिर्णय की हमारी दुविधाजनक स्थिति को बदलती है।
- आवश्यकता है घाटी तथा देश की सभी शक्तियों को बताने की कि अनुच्छेद- 370 की समाप्ति , अलग संविधान और अलग निशान की समाप्ति ही अलगाववाद की समाप्ति का एकमात्र उपाय है और यह कार्य तुरन्त होना चाहिये ताकि उमर , महबूबा , गिलानी , मीरवायज एवं शेष देश के मुस्लिम वोट के भूखे , स्वार्थी , सत्तालोलुप नेता कोई नयी दुविधाजनक , राष्ट्रघाती परिस्थिति देश के सामने उत्पन्न न कर सकें
- चंगेज खान फिल्म का गीत भी शामिल था , यह गीत बहुत सुना-सुनाया रहा -किसी ने जादू किया मैं करूं क्या मेरा मन मोह लियाइस कार्यक्रम में एक बात दुविधाजनक लगती हैं, इस आधे घंटे के कार्यक्रम में, एक ही समय में हम हिन्दी सिने जगत में सत्तर के दशक से आई आवाजो को छोड़ कर सभी गायक कलाकारों को सुनते हैं यानि एक ही साथ कुंदनलाल सहगल साहब, नूरजहाँ और आशा भोंसले की आवाजे हम सुनते हैं।