देवमानव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- विज्ञानमय कोष को जाग्रत करने वाले व्यक्ति को साधक , तपस्वी , देवमानव , सिद्ध पुरूष , योगी , ऋषि आदि उपाधि से विभूषित किया जाता है।
- आदर्शों के प्रति श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति लगन का जहाँ भी उदय हो रहा है , समझना चाहिए कि वहाँ किसी देवमानव का आविर्भाव हो रहा है।
- 4 ) आदर्शों के प्रति श्रद्धा और कत्र्तव्य के प्रति लगन का जहाँ भी उदय हो रहा है, समझना चाहिए कि वहाँ किसी देवमानव का आविर्भाव हो रहा है।
- आदर्शों के प्रति श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति लगन का जहाँ भी उदय हो रहा है , समझना चाहिए कि वहाँ किसी देवमानव का आविर्भाव हो रहा है ।
- 99 ) देवमानव वे हैं, जो आदर्शों के क्रियान्वयन की योजना बनाते और सुविधा की ललक-लिप्सा को अस्वीकार करके युगधर्म के निर्वाह की काँटों भरी राह पर एकाकी चल पड़ते हैं।
- 5 देवमानव वे हैं , जो आदर्शों के क्रियान्वयन की योजना बनाते और सुविधा की ललक-लिप्सा को अस्वीकार करके युगधर्म के निर्वाह की काँटों भरी राह पर एकाकी चल पड़ते हैं।
- यह श्लोक अपने विलक्षण अर्थ के साथ किसी योगी के लिए तो महत्त्वपूर्ण है ही , एक आदर्श कार्यकर्त्ता , युगनिर्माण जैसे महती प्रयोजन में जुटे देवमानव के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
- पर इसका जो अंश यहाँ उद्धृत है- वह हम सबके लिए है , हर देवमानव के लिये है , जिसके भी मन में समाज के प्रति थोड़ी भी पीड़ा है- उसके लिये है।
- - आचार्य श्रीराम शर्मा 5 देवमानव वे हैं , जो आदर्शों के क्रियान्वयन की योजना बनाते और सुविधा की ललक-लिप्सा को अस्वीकार करके युगधर्म के निर्वाह की काँटों भरी राह पर एकाकी चल पड़ते हैं।
- आचार्यश्री कहते हैं कि इतिहास का यही वह महत्त्वपूर्ण मोड़ है , जहाँ अनन्तजन्मों के प्रयत्नों के परिणाम से अपने संस्कारों की सम्पदा लेकर अब जन्मे देवमानव युग परिवर्तन का निमित्त बनने जा रहे हैं।