देवोत्थानी एकादशी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिले के पवित्र धाम श्रवण क्षेत्र से कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी यानि देवोत्थानी एकादशी के दिन होने वाली सप्तकोसी परिक्रमा में बुधवार को भारी भीड़ उमड़ी।
- भगवान 13 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी यानी देवोत्थानी एकादशी पर जागेंगे और उसके बाद से ही शादियों की सहालगें और मंगल कार्य शुरू होंगे।
- ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु चार महीने की चिर निद्रा से आज के दिन ही जगते हैं और वह देवोत्थानी एकादशी को पृथ्वीलोक का भ्रमण करते हैं।
- अब 13 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी ( जिसे कि देवोत्थानी एकादशी या हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है) पर देवताओं के जागने के साथ ही शादियां, विवाह आदि होने शुरू हो जाएंगे।
- अन्य देवता भी इस अवधि मैं विश्राम करते हैं तथा चार माह बाद देवोत्थानी एकादशी जिसे हर्बोधनी एकादशी भी कहते हैं वापस आ जाते हैं इसके बाद त्यौहार शुरू हो जाते हैं .
- टांडा में देवोत्थानी एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए लोगों ने व्रत रखा और गंध , अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, पान, सुपारी व ऋतुफल अर्पित कर हरि विष्णु भगवान की आराधना की।
- को साकार करने के लिए बैसवारा ब्राह्मण उत्थान समिति की ओर से देवोत्थानी एकादशी के दिन भूदेव ब्राह्मणों के उत्थान और बैसवारा के गौरव को स्थापित करने के लिए विश्व वैदिक सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
- देवोत्थानी एकादशी दिन शनिवार तिथि 24 नवम्बर 2012 को बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति द्वारा एम . जी. कालेज आफ साइंस, आर्ट एण्ड कल्चर, छाछीराईखेड़ा, सुमेरपुर, उन्नाव (उ.प्र) में आयोजित विश्व वैदिक सम्मेलन में सामूहिक उपनयन एवं विवाह संस्कार के मनोहारी दृश्य...।
- देवोत्थानी एकादशी दिन शनिवार तिथि 24 नवम्बर 2012 को बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति द्वारा एम . जी. कालेज आफ साइंस, आर्ट एण्ड कल्चर, छाछीराईखेड़ा, सुमेरपुर, उन्नाव (उ.प्र) में आयोजित विश्व वैदिक सम्मेलन में सामूहिक उपनयन एवं विवाह संस्कार के बाद के समाचार ।
- कई इलाकों में यह कृत्य इस अमावस्या के बजाए कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी ( देवोत्थानी एकादशी ) की रात्रि में किया जाता है और ढोल , डफ , सूप आदि बजाने के लिए गन्ने के टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है।