द्वारिकानाथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस दृष्टि से रुद्र महालय , सिद्धपुर , मातृमूर्ति पावागढ़ , शिल्पगौरव गलतेश्वर , द्वारिकानाथ का मंदिर , शत्रुंजय पालीताना के जैन मंदिर , सीदी सैयद मस्जिद की जालियाँ , पाटन की काष्ठकला इत्यादि काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं।
- इस दृष्टि से रुद्र महालय , सिद्धपुर , मातृमूर्ति पावागढ़ , शिल्पगौरव गलतेश्वर , द्वारिकानाथ का मंदिर , शत्रुंजय पालीताना के जैन मंदिर , सीदी सैयद मस्जिद की जालियाँ , पाटन की काष्ठकला इत्यादि काफ़ी महत्त्वपूर्ण हैं।
- डॉ . रमन सिंह ने समारोह में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिये 2 एकड़ 15 डिसमिल जमीन दान करने वाले स्थानीय समाजसेवी नागरिक श्री द्वारिकानाथ बाजपेयी और उनके सुपुत्र श्री नीरज बाजपेयी को शॉल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
- मैक्समूलर ने स्वयं स्वीकारा है कि इंग्लैंड आने से पहले जब १८४५ में पैरिस में था तो वह भारतीय विद्वान रवीन्द्रनाथ टेगौर के दादा द्वारिकानाथ टेगौर के पास अपनी अंग्रेजी सुधारने के लिए प्रतिदिन उसके होटल में जाया करता था ( चौधरी, पृ.
- इसमें जगदीश पीयूष , डॉ . रामजी तिवारी , प्रेम शुक्ल , पं . किरण मिश्र , आनंद त्रिपाठी , हृदयेश मयंक , द्वारिकानाथ मिश्रा , बृजनाथ , अनुराग त्रिपाठी , हरिश्चंद्र , रामप्यारे सिंह रघुवंशी , ओमप्रकाश तिवारी , एड .
- इसमें जगदीश पीयूष , डॉ . रामजी तिवारी , प्रेम शुक्ल , पं . किरण मिश्र , आनंद त्रिपाठी , हृदयेश मयंक , द्वारिकानाथ मिश्रा , बृजनाथ , अनुराग त्रिपाठी , हरिश्चंद्र , रामप्यारे सिंह रघुवंशी , ओमप्रकाश तिवारी , एड .
- इसका परिणाम यह हुआ कि श्री द्वारिकानाथ ठाकुर द्वारा संचालित बंगाल हरकारु ‘ पत्र का प्रकाशन 19 सितम्बर से लेकर 24 सितम्बर 1857 तक स्थगित कर दिया गया और उसे प्रकाशित होने का नया लाइसेंस तभी मिला जब उसके सम्पादक ने त्यागपत्र दे दिया।
- भालकेश्वर , प्रागटेश्वर , पद्म कुंड , पांडव कूप , द्वारिकानाथ मंदिर , बालाजी मंदिर , लक्ष्मीनारायण मंदिर , रूदे्रश्वर मंदिर , सूर्य मंदिर , हिंगलाज गुफा , गीता मंदिर , बल्लभाचार्य महाप्रभु की ६ ५ वीं बैठक के अलावा कई अन्य प्रमुख मंदिर है।
- भालकेश्वर , प्रागटेश्वर , पद्म कुंड , पांडव कूप , द्वारिकानाथ मंदिर , बालाजी मंदिर , लक्ष्मीनारायण मंदिर , रूदे्रश्वर मंदिर , सूर्य मंदिर , हिंगलाज गुफा , गीता मंदिर , बल्लभाचार्य महाप्रभु की ६ ५ वीं बैठक के अलावा कई अन्य प्रमुख मंदिर है।
- जब आपके सजा-~ तीयस्वजन आपके प्रति कड़वे ओर ओछे वचनों का प्रयोग करें , तो आप अपनी मधुरवाणी से उनके ह्रदय, वचन और मन को शान्त कर दें द्वारिकानाथ! जो महापुरुषनहीं है, जिसका अपने मन पर नियन्त्रन नहीं है और जो सच्चे सहायकों सेसम्पन्न नहीं है, वह महान भार को नहीं उठा सकता.