द्विभुज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- द्विभुज राम के हाथों में धनुष और बाण प्रदर्शित होते हैं , जैसा कि शिवरीनारायण के श्रीराम जानकी मंदिर और खरौद के शबरी मंदिर में मिलता है।
- पूजा करते समय और कथा श्रवण-पठन करते समय नीलवसना परम द्युतिमती भगवती श्रीराधाजी के सहित नव-नील-नीरद-श्याम-घन , पीत वस्त्रधारी द्विभुज मुरलीधर पुरुषोत्तम भगवान का ध्यान करते रहना चाहिए।
- चतुर्भुज रूप में वे बैकुंठ में देवी लक्ष्मी , सरस्वती, गंगा और तुलसी के साथ वास करते हैं परन्तु द्विभुज रूप में वे गौलोक घाम में राघाजी के साथ वास करते हैं।
- मध्यकाल में पहुँचते-पहुँचते ब्रज क्षेत्र के अतिरिक्त - जहाँ कुषाणकालीन मदिरा पीने वाले द्विभुज बलराम मूर्तियों की परंपरा ही चलती रही - बलराम की प्रतिमा का स्वरूप बहुत कुछ स्थिर हो गया।
- मध्यकाल में पहुँचते-पहुँचते ब्रज क्षेत्र के अतिरिक्त - जहाँ कुषाणकालीन मदिरा पीने वाले द्विभुज बलराम मूर्तियों की परंपरा ही चलती रही - बलराम की प्रतिमा का स्वरूप बहुत कुछ स्थिर हो गया।
- मध्यकाल में पहुँचते-पहुँचते ब्रज क्षेत्र के अतिरिक्त - जहाँ कुषाणकालीन मदिरा पीने वाले द्विभुज बलराम मूर्तियों की परंपरा ही चलती रही - बलराम की प्रतिमा का स्वरूप बहुत कुछ स्थिर हो गया।
- चतुर्भुज रूप में वे बैकुंठ में देवी लक्ष्मी , सरस्वती , गंगा और तुलसी के साथ वास करते हैं परन्तु द्विभुज रूप में वे गौलोक धाम में राधाजी के साथ वास करते हैं।
- वे चार मिख वाले न होकर भी लोकस्रष्टा ब्रह्मा हैं चतुर्भुज न होकर भी द्विभुज दूसरे विष्णु हैं ५ मुख तथा १ ५ नेत्र न होने पर भी साक्षात भगवान शंकर हैं -
- विश्वसारतंत्र में लिखा है कि - मस्तक में जो शुभ्र-वर्ण का कमल है , योगी प्रभात-काल में उस पदम् में गुरू का ध्यान करते है कि वह शांत, त्रिनेत्र, द्विभुज है और वह वर एवं अभय मुद्रा धारण किये हुये
- विश्वसारतंत्र में लिखा है कि - मस्तक में जो शुभ्र-वर्ण का कमल है , योगी प्रभात-काल में उस पदम् में गुरू का ध्यान करते है कि वह शांत, त्रिनेत्र, द्विभुज है और वह वर एवं अभय मुद्रा धारण किये हुये है।