धूले का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कैसे पहुँचें अजंता-एलोरा : औरंगाबाद से अजंता की दूरी - 101 किलोमीटर औरंगाबाद से एलोरा की दूरी - 30 किलोमीटर मुंबई , पुणे , अहमदाबाद , नासिक , इंदौर , धूले , जलगाँव , शिर्डी आदि शहरों से औरंगाबाद के लिए बस सुविधा उपलब्ध है।
- मऔजूदा दिल्ली सरकार और अपोजीसन पार्टी दूध के धूले हूए तो नही है लेकिन उनके दूध के धूले हुए ना होने से किसी तीसरी पार्टी को यह अधिकार नही हो जाता के वो भी गैर कानूनी तरीके से चंदा ले के अपने पार्टी को आगे बढ़ाये .
- मऔजूदा दिल्ली सरकार और अपोजीसन पार्टी दूध के धूले हूए तो नही है लेकिन उनके दूध के धूले हुए ना होने से किसी तीसरी पार्टी को यह अधिकार नही हो जाता के वो भी गैर कानूनी तरीके से चंदा ले के अपने पार्टी को आगे बढ़ाये .
- इस बीच भारतीय महिलाएं भी बिहार और गुजरात में केंद्रित नवनिर्माण यूथ मूवमेंट , महाराष्ट्र के धूले जिले में हुए ग्रामीण आंदोलन , चिपको आंदोलन और नक्सलवाद में हिस्सा लेने के बाद अब आखिरकार अपने अधिकारों की बात अपने आंदोलनों में कहना शुरू कर चुकी थीं .
- दरअसल सोचने वाली बात यह कि आखिर ये सब क्यों ? ??? जो आरोप लगाते है वो भी तो दूध के धूले तो नहीं होते अगर ऐसा होता तो शायद ऐसा देखने सूनने और पढ़ने को ना मिलता कि एक नेता ने किसी को यह कहकर संबोधित किया।
- दुनिया के किसी देश में , किसी शहर में , किसी नस्ल , किसी जाति के आदमी से यह सूतक कभी नहीं चिमटेगा , मगर हम दुनिया में कहीं भी रहें यह बाकायदा घर ढूँढ़कर हम पर चढ़ बैठेगा और हम जैसे पवित्र दूध के धूले संस्कार-पुत्रों को अपवित्र कर जाएगा।
- जब बाला साहव ठाकरे पाकिस्तानी खिलाडीयों को भारत में खिलाने का विरोध करते हैं तो यह भारत-विरोधी मिडीया पागल कुतों की तरह उन पर टूट पड़ता है पर जब होली पर धूले ( महाराष्ट्र ) , शिमोगा ( करनाटक ) व वरेली ( उतर प्रदेश ) में मुसलिम गुंडे कतलो-गारद मचाते हैं आगजनी करते हैं तब इस मिडीया की वोलती बंद हो जाती है।
- आगे लिखने के पहले मैं एक बार फिर कह देना चाहता हूं कि जो फिलहाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे है , या टीवी के माध्यम से जो भीड़ दिखाई पड़ रही हैं, वे सभी दुध के धूले हुए होंगे - ऐसा नहीं हैं, पर जनता के अंदर ही जनार्दन (ईश्वर) हैं इसलिए जनता के खिलाफ बोलना अपराध हैं, साथ ही जो केन्द्र में बैठे नेता ये बयान देते हैं कि संसद सर्वोच्च हैं और जो निर्णय लिये जायेंगे वो संसद के माध्यम से ही निर्णय लिये जायेंगे।
- आगे लिखने के पहले मैं एक बार फिर कह देना चाहता हूं कि जो फिलहाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे है , या टीवी के माध्यम से जो भीड़ दिखाई पड़ रही हैं , वे सभी दुध के धूले हुए होंगे - ऐसा नहीं हैं , पर जनता के अंदर ही जनार्दन ( ईश्वर ) हैं इसलिए जनता के खिलाफ बोलना अपराध हैं , साथ ही जो केन्द्र में बैठे नेता ये बयान देते हैं कि संसद सर्वोच्च हैं और जो निर्णय लिये जायेंगे वो संसद के माध्यम से ही निर्णय लिये जायेंगे।