ध्रुवा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बँगला में रचित उनके ऐतिहासिक इतिवृतों का संग्रह ' पाषाणेर कथा', 'धर्मपाल', 'करुणा', 'मयूख', 'शशांक', ध्रुवा, लुत्फुल्ला, और 'असीम' आदि उपन्यास उनकी बहुमुखी प्रतिभा के द्योतक हैं।
- नाट्यशास्र के अनुसार वर्ण , अलंकार , गान- क्रिया, यति, वाणी, लय आदि जहाँ ध्रुव रूप में परस्पर संबद्ध रहें, उन गीतों को ध्रुवा कहा गया है ।
- नाट्यशास्र के अनुसार वर्ण , अलंकार , गान- क्रिया, यति , वाणी, लय आदि जहाँ ध्रुव रुप में परस्पर संबद्ध रहें, उन गीतों को ध्रुवा कहा गया है।
- यहां एक माह बाद देवता के स्वर्ग प्रवास से लौटने पर जब शिवालय का कपाट खुलता है तो वहां मौजूद शिव पिंडी पर अपने आप ही ध्रुवा उगी होती है।
- नाट्यशास्र के अनुसार वर्ण , अलंकार , गान- क्रिया , यति , वाणी , लय आदि जहाँ ध्रुव रुप में परस्पर संबद्ध रहें , उन गीतों को ध्रुवा कहा गया है।
- आज्यस्थाली में से स्रुवा आज्य जुहू में आठ स्रुवा उपभृत में और चार स्रुवा ध्रुवा में भरने को कहा गया है- स्रुवेणाज्यग्रहणं चतुर्जुह्ना . . . . । अष्टावुपभूति . . ।
- 32वें अध्याय में उन्होंने ध्रुवा नामक गीतिकाव्य का विस्तार से उदाहरणों सहित वर्णन किया है और स्पष्ट कहा है कि ध्रुवा में शौरसेनी का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ( भाषा तु शोरसेनी ध्रुवायाँ संप्रयोजयेत्)।
- 32वें अध्याय में उन्होंने ध्रुवा नामक गीतिकाव्य का विस्तार से उदाहरणों सहित वर्णन किया है और स्पष्ट कहा है कि ध्रुवा में शौरसेनी का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ( भाषा तु शोरसेनी ध्रुवायाँ संप्रयोजयेत्)।
- 32वें अध्याय में उन्होंने ध्रुवा नामक गीतिकाव्य का विस्तार से उदाहरणों सहित वर्णन किया है और स्पष्ट कहा है कि ध्रुवा में शौरसेनी का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ( भाषा तु शोरसेनी ध्रुवायाँ संप्रयोजयेत्)।
- 32वें अध्याय में उन्होंने ध्रुवा नामक गीतिकाव्य का विस्तार से उदाहरणों सहित वर्णन किया है और स्पष्ट कहा है कि ध्रुवा में शौरसेनी का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ( भाषा तु शोरसेनी ध्रुवायाँ संप्रयोजयेत्)।