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नसैनी का अर्थ

नसैनी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. ( पुनश्च : जब ' नसैनी ' जैसे शब्द , जो अपने मध्य - प्रदेशीय बचपन का एक हिस्सा है , को कविता में देखता हूँ , तो अनायास ही अपनी लगने लगती है , आश्चर्य है ॥ : ))
  2. और एक बार फिर जगमग हो जाती है हर एक घर की आँख वे अपनी नसैनी उतारते हैं और बढ़ जाते हैं अगले मोहल्ले की तरफ अगले अंधेरों की ओर अपनी सूची में दर्ज शिकायतों पर निशान लगाते हु ए . ...
  3. ' सम्यक ज्ञान ' और ' सम्यक दर्शन ' के दो खड़े डंडों में ' सम्यक चरित्र ' को आड़ी सीढ़ियां लगाने से एक ऐसी नसैनी तैयार हो जाती है , जिसपर एक-एक कदम उठाकर आदमी अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है।
  4. मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में यह कवि अपने इस भावबोध को सच्चे भारतीय बोध की नसैनी पर चढ़ाने का प्रयत्न करेगा ; और यह भी कि इस पठनीय और रस बोध से युक्त काव्य का हिंदी का साहित्यप्रेमी समाज स्वागत करेगा।
  5. ' कउन हो?' के उत्तर में उस शर्मीले किशोर के मुंह से- 'पाहुन हैं इस घर के !' सुन कर, नसैनी से कूद कर, मुंह में पल्लू दबा कर वह लड़की जिस तरह घर के भीतर की ओर भागी, वह बिंब बार-बार कौंध जाता है।
  6. नाक में जीत के पूर्वाभास की नसैनी सटाये , या आह्लादकारी अफीम की पिनक में हरियाये, वर्ल्ड कप के गड्ढे में गिरे अच्छा हो इस लिंक पर नज़र न ही डालें (क्योंकि अभी अप्रैल भर किरकेट-हरियाली के सिवा यूं भी दुनिया में उन्हें और कुछ नज़र नहीं आने वाला..
  7. कउन हो ? ' के उत्तर में उस शर्मीले किशोर के मुंह से - ‘ पाहुन हैं इस घर के ! ' सुन कर , नसैनी से कूद कर , मुंह में पल्लू दबा कर वह लड़की जिस तरह घर के भीतर की ओर भागी , वह बिंब बार-बार कौंध जाता है।
  8. कउन हो ? ' के उत्तर में उस शर्मीले किशोर के मुंह से - ‘ पाहुन हैं इस घर के ! ' सुन कर , नसैनी से कूद कर , मुंह में पल्लू दबा कर वह लड़की जिस तरह घर के भीतर की ओर भागी , वह बिंब बार-बार कौंध जाता है।
  9. नाक में जीत के पूर्वाभास की नसैनी सटाये , या आह्लादकारी अफीम की पिनक में हरियाये , वर्ल् ड कप के गड्ढे में गिरे अच् छा हो इस लिंक पर नज़र न ही डालें ( क् योंकि अभी अप्रैल भर किरकेट-हरियाली के सिवा यूं भी दुनिया में उन् हें और कुछ नज़र नहीं आने वाला ..
  10. इनके ब्लॉग का पता है - http : // sadhanavaid . blogspot . in / स्वर्गलोक से परियाँ आयीं किरण नसैनी से होकर , नन्हे पौधों को नहलाया ओस परी ने खुश होकर ! फूलपरी ने आ उन सबका फूलों से श्रृंगार किया , सोई कली जगाईं , पलकें चूम बहुत सा प्यार दिया ! फिर सुगंध की परियाँ मन पाए विश्राम जहाँ पर अनीता जी लिख रही हैं .
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