नामकर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संहनन नामकर्म - जिसके उदय से हड्डियों की संधि में बंधन विशेष होता है वह संहनन नामकर्म है।
- संस्थान नामकर्म - जिसके उदय से औदारिक आदि शरीर के आकार की रचना हो वह संस्थान नामकर्म है।
- संस्थान नामकर्म - जिसके उदय से औदारिक आदि शरीर के आकार की रचना हो वह संस्थान नामकर्म है।
- जिस कर्म के उदय से अंगोपांगों की रचना यथाप्रमाण और यथास्थान हो उसे निमान या निर्माण नामकर्म कहते हैं।
- अस्थिर - जिसके उदय से इन धातुओं में उत्तरोत्तर अस्थिर रूप परिणमन होता जाता है वह अस्थिर नामकर्म है।
- धवला टीका * में कहा है- जो नाना प्रकार की रचना निर्वृत्त करता है वह नामकर्म है * ।
- स्पर्श नामकर्म - जिस कर्मस्कन्ध के उदय से जीव के शरीर में उसकी जाति के अनुरूप स्पर्श उत्पन्न हो।
- साधारण शरीर नामकर्म - जिसके उदय से एक शरीर के अनेक जीव स्वामी हों , उसे साधारण-शरीर नामकर्म कहते हैं।
- साधारण शरीर नामकर्म - जिसके उदय से एक शरीर के अनेक जीव स्वामी हों , उसे साधारण-शरीर नामकर्म कहते हैं।
- अनादेय नामकर्म - जिसके उदय से आदेय-प्रभा सहित शरीर हो वह आदेय तथा निष्प्रभ शरीर हो वह अनादेय नामकर्म है।