नारदपुराण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वृक्षों में देवत्व की अवधारणा का उल्लेख वेदों के अतिरिक्त प्रमुख रुप से मत्स्यपुराण , अग्निपुराण , भविष्यपुराण , पद्मपुराण , नारदपुराण , रामायण , भगवद्गीता
- वृक्षों में देवत्व की अवधारणा का उल्लेख वेदों के अतिरिक्त प्रमुख रुप से मत्स्यपुराण , अग्निपुराण , भविष्यपुराण , पद्मपुराण , नारदपुराण , रामायण , भगवद्गीता
- शंकराचार्य के युग अर्थात आठवी शती ई 0 के बाद जब नारदपुराण की रचना हई तो एक हजार ईसवी के आस-पास हरि सबकुछ हो गये ।
- वृक्षों में देवत्व की अवधारणा का उल्लेख वेदों के अतिरिक्त प्रमुख रुप से मत्स्यपुराण , अग्निपुराण, भविष्यपुराण, पद्मपुराण, नारदपुराण, रामायण, भगवद्गीता और शतपथब्राह्मण आदि ग्रंथो में मिलता है।
- आनंदाश्रम से प्रकाशित अग्निपुराण में 383 अध्याय तथा 11 , 475 श्लोक हैं परंतु नारदपुराण के अनुसार इसमें 15 हजार श्लोकों तथा मत्स्यपुराण के अनुसार , 16 हजार श्लोकों का संग्रह बतलाया गया है।
- आधुनिक उपलब्ध अग्निपुराण के कई संस्करणों में ११ , ४७५ श्लोक है एवं ३८३ अध्याय हैं, परन्तु नारदपुराण के अनुसार इसमें १५ हजार श्लोकों तथा मत्स्यपुराण के अनुसार १६ हजार श्लोकों का संग्रह बतलाया गया है।