निन्दात्मक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- “ वे कहते हैं कि रूसियों का एक दल उन्हें देखने जायेगा और यह कि - एर- उसका नाम क्या है ? ओगियर ? - उन्हें कॉमेडी पढ़कर सुनायेंगे . प्रहसनों के लिए अच्छा समय ! ” निन्दात्मक स्वर में उन्होंने टिप्पणी की .
- में , निन्दात्मक और अस्वीकार्य सामग्री (जैसे कि किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भों का उल्लेख करना जो कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहा है और उनके प्रसारण के लिए व्यक्तिगत सूचना की सहमति नहीं ली गयी हो) की काट-छांट के लिए 10-15 मिनट की देरी हुआ करती है.
- में , निन्दात्मक और अस्वीकार्य सामग्री (जैसे कि किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भों का उल्लेख करना जो कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहा है और उनके प्रसारण के लिए व्यक्तिगत सूचना की सहमति नहीं ली गयी हो) की काट-छांट के लिए 10-15 मिनट की देरी हुआ करती है.
- जैसा कि आपको विदित होगा 3 अक्टूबर 2012 को प्रातः लगभग 6 . 30 बजे राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार की मिलीभगत के साथ कविता श्रीवास्तव के घर पर मात्र शक के आधार पर पुलिस द्वारा एक गैर कानूनी निन्दात्मक, पूर्णतया निन्दनीय और आतंकित करने वाला छापा मारा गया।
- आप इसके लिए मुझे दोहरे मानक वाला कह रहे हैं - तो मैं आपसे कहीं से भी एक भी ऐसा स्थान कोट करने का आग्रह करती हूँ जहाँ एक भी सन्दर्भ में मैंने आदरणीय मुहम्मद साहब या आदरणीय जीज़स क्राइस्ट के बारे में कोई भी निन्दात्मक बात कही हो ?
- 2005 सितम्बर में सेन्ट्रल एम्पावर्ड कमेटी ने वेदांत द्वारा नियमगिरि को लूटने की योजना पर एक निन्दात्मक रिपोर्ट प्रकाशित की . 20 इसमें एक स्वर से स्पष्ट किया गया था कि नियमगिरि का उत्खनन नहीं होना चाहिए जबकि वेदांत से अभी तक ग़ैर-कानूनी ढंग से लांजीगढ़ रिपफ़ाइनरी के निर्माण के बारे में कोई जवाब आना बाकी था.
- उसने कहा , जैसा कि दुभाषिये ने वर्णन किया, कि 1839 में, जब वह आवेरिया में शासन करता था, उसने निष्ठापूर्वक रूसियों की सेवा की थी और उन्हें कभी धोखा नहीं दिया था लेकिन उसके शत्रु अहमद खाँ ने, जो उसके पतन का षडयंत्र करना चाहता था, जनरल क्लूगेनाऊ से उसके विषय में निन्दात्मक बातें कही थीं।
- उसने कहा , जैसा कि दुभाषिये ने वर्णन किया, कि 1839 में, जब वह आवेरिया में शासन करता था, उसने निष्ठापूर्वक रूसियों की सेवा की थी और उन्हें कभी धोखा नहीं दिया था लेकिन उसके शत्रु अहमद खाँ ने, जो उसके पतन का षडयंत्र करना चाहता था, जनरल क्लूगेनाऊ से उसके विषय में निन्दात्मक बातें कही थीं।
- उसने कहा , जैसा कि दुभाषिये ने वर्णन किया , कि 1839 में , जब वह आवेरिया में शासन करता था , उसने निष्ठापूर्वक रूसियों की सेवा की थी और उन्हें कभी धोखा नहीं दिया था लेकिन उसके शत्रु अहमद खाँ ने , जो उसके पतन का षडयंत्र करना चाहता था , जनरल क्लूगेनाऊ से उसके विषय में निन्दात्मक बातें कही थीं।
- अतः जो हिन्दू चाहे सरकार हो , बुद्धिजीवी , कोई भी जो एसी घटनाओं पर संग्यान लेकर उचित कठोर दन्डात्मक / निन्दात्मक कार्यवाही नहीं करते वे भी दोषी ही नहीं गद्दार भी हैं उन्हें भी सबक सिखाया जाना चाहिये ....... -दुश्मन तो सामने दिखाई देता है उस से तो लडना है ही परन्तु अपने अन्दर छुपे गद्दार , दुश्मन अधिक खतरनाक होते हैं ......