निर्गुंडी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ** कमर को सही आकार में रखने के लिए निर्गुंडी के पत्तो के काढ़े में २ ग्राम पीपली का चूर्ण मिला कर एक महीने पीजिये .
- ** भंगरैया तुलसी और निर्गुंडी के पत्तो का रस अजवाईन का चूर्ण मिलाकर पीने से गठिया की सूजन और दर्द में बहुत लाभ होता है .
- ** कमर को सही आकार में रखने के लिए निर्गुंडी के पत्तो के काढ़े में २ ग्राम पीपली का चूर्ण मिला कर एक महीने पीजिये .
- ** गले के अन्दर सूजन हो गयी हो तो निर्गुंडी के पत्ते , छोटी पीपर और चन्दन का काढा पीजिये , ११ दिनों में सूजन ख़त्म हो जायेगी .
- ** मुंह के छाले ख़त्म करने के लिए निर्गुंडी के पत्तो के रस में शहद मिलाकर उस मिश्रण को ३ - ४ मिनट मुंह में रखें फिर कुल्ला कर दीजिये .
- ** अगर डिलीवरी पेन शुरू हो गया है और आप सरलता पूर्वक प्रसव कराना चाहते हैं तो निर्गुंडी के पत्तो की चटनी को महिला की नाभि के आस-पास लेप कर दीजिये .
- ** अगर डिलीवरी पेन शुरू हो गया है और आप सरलता पूर्वक प्रसव कराना चाहते हैं तो निर्गुंडी के पत्तो की चटनी को महिला की नाभि के आस-पास लेप कर दीजिये .
- साइटिका में निर्गुंडी के पत्तो क़ि चटनी को गरम करके सुबह शाम बांधना चाहिए या फिर इसका काढा पीना चाहिए . ** स्वास रोग में पत्तो का रस शहद मिलाकर दिन में चार बार एक&
- ** मुंह के छाले ख़त्म करने के लिए निर्गुंडी के पत्तो के रस में शहद मिलाकर उस मिश्रण को ३-४ मिनट मुंह में रखें फिर कुल्ला कर दीजिये . दो ही दिन में छाले ख़त्म हो जायेंगे.
- दंत धावन के लिए उन वृक्षों को उत्तम माना गया है जिनका स्वाद कषाय यानी कसैला या तिक्त यानी कड़वा होता है , जैसे नीम, बबूल, वट, विजयसार, खैर, करंज, अपामार्ग, अर्जुन, जामुन, निर्गुंडी आदि ।