नींब का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और , इसी बीच निबौनी ( हमारे यहां नींबकौड़ी बोलते हैं ) नींब के पड़ से खटिया पर टपकते रहते तो उन्हें उठा उठा कर कुछ को चखकर और कुछ को यूं ही नीचे फेंकता रहता .
- 3 . चाय , चावल का आटा और लेमन मास् क- 3 चम् मच चावल का आटा , 2 चम् मच चाय और 2 - 3 बूंद नींब के रस का ले कर अच् छी तरह से मिला लें।
- उसने कुछ इस तरह हूं पर जोर देकर की-बोर्ड का बटन दबा दिया था जैसे किसी मुंसिफ ने किसी को मौत की सजा देकर अपनी कलम की नींब अपने हुक्म के फरमान पर गड़ा कर तोड़ दी हो ?
- कहते हैं कि सोमबारी बाबा के भक्त नींब करौरी बाबा रानीखेत जाते समय यहां ठहरे थी , इसी दौरान प्रेरणा होने पर उन्होंने यहां रात्रि विश्राम की इच्छा जताई , और 1962 में यहां आश्रम की स्थापना की गई।
- जो देश बना ही लाशे बिछा कर ओर नफ़रत की नींब डाल कर , ओर आज तक वहां पेदा होते बच्चे को सिर्फ़ नफ़रत ही सीखाई जाती है तो उस देश का हाल ओर क्या हो सकता है .
- लेकिन आजकल जिस तरह से पैसे के लेने-देन ( देहज प्रथा), स्टेटस(पैसे वालों को प्राथमिकता) सिंबल, वासना या आकांक्षा (आकर्षण को प्यार समझ प्रेम विवाह करना) जैसे कारण विवाह का आधार बन रहे हैं, जिससे गृहस्थी की सारी नींब ही कमजोर पड़ रही है।
- संध ने हमेशा से देश सेवा की राजनीति की है और उसके रास्ते उनके अपने भी है पर कांग्रेस ने जिस हिन्दु आतंकवाद शब्द की नींब डाली है वह यदि सच हो गया तो भारत के किसी भी सरकार से सम्भाल पान मुिश्कल हो जाएगा।
- आओ हम सब मिलकर इस अनदोलन को आगे बढ़ाकर काँग्रेस द्वारा रचे जा रहे षडयन्त्रों को असफल बनाते हुए अपनी मां-बहन-बेटियों व बहुओं के लिए एक सुरक्षित भविष्य की नींब रखें व इस महिलाबिरोधी शैतानी धर्मनिर्पेक्षता को उखाड़ फैंकते हुए तेजेन्द्र बग्गा जैसे देशभक्तों को अपना सहयोग दें।
- इसमें पहले शेखर कपूर के व्यक्ति संपादक के रूप में आये जिन्होंने न केवल इस अखबार की नींब रखी बल्कि इस अखबार को एक दिशा भी प्रदान की लेकिन इसे वह ज्यादा आगे नहीं ले जा पाये और अपने लंगोट के कारण काफी चर्चा में रहने के बाद आजकल हिंट का दिवाला निकलाने में लगे हैं।
- मेरे भाई जिन लोगों ने योजनाबध तरीके से देश का धर्म के आधार पर विभाजन करवाकर विभाजन की जड़ को फिर भारत में रखकर दोवारा सांप्रदाय अधारित कानून बनाकर अगले विभाजन की नींब रख डाली उन्हें और उनके इन कुकर्मों का लगातार विरोध करने वाली भाजपा को हम एक ही थैले में कैसे रख सकते हैं ?