न्यायदर्शन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- न्यायदर्शन के पहले ही सूत्र में 16 पदार्थों का उल्लेख है।
- भारतीय दर्शन-साहित्य को न्यायदर्शन की सबसे अमूल्य देन शास्त्रीय विवेचनात्मक पद्धति है।
- फलस्वरूप आज हम लोगों को पूर्णांग , सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध न्यायदर्शन उपलब्ध है।
- भूतार्थवादी न्यायदर्शन को उत्पत्ति के पूर्व कार्य की स्थिति मानना हास्यास्पद लगता है।
- फलस्वरूप आज हम लोगों को पूर्णांग , सुव्यवस्थित और क्रमबद्ध न्यायदर्शन उपलब्ध है।
- इस अपवर्ग की प्राप्ति के उपाय न्यायदर्शन के द्वितीय सूत्र में वर्णित हैं।
- न्यायदर्शन केवल अध्यात्मविद्या या मोक्षशास्त्र ही नहीं है , यह एक प्रक्रियाशास्त्र भी है।
- अत : न्यायदर्शन में अन्वेषण अर्थात् जाँच-पड़ताल के उपायों का वर्णन किया गया है।
- अत : न्यायदर्शन में अन्वेषण अर्थात् जाँच-पड़ताल के उपायों का वर्णन किया गया है।
- न्यायदर्शन में प्रत्यक्ष , अनुमान, उपमान और शब्द - ये चार प्रमाण माने गए हैं।