पदतल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पदतल की बाहर निकली हुई कोर , जो प्राय: गोल होती है, “नोक” कहलाती है और नोकों को मिलाने वाली सोपान की ढाल के समांतर कल्पित रेखा “ढाल रेखा” होती है।
- हालांकि , हालांकि मैं पहले से ही अपने हास्य काम जानता था, मैं एक रात एक साल पहले अपने ब्लॉग की खोज की है जबकि इंटरनेट पर मेरे मलऊन पदतल मस्सा शोध.
- सरला ने भीड़ में घुस कर उसका दर्शन किया और देखा कि वहाँ मल्लिका की माला , पारिजात के हार , मालती की मालिका , और भी अनेक प्रकार के सौरभित सुमन देव-प्रतिमा के पदतल में विकीर्ण हैं।
- पहले अविभाजित बिहार , बंगाल, बंग्लादेश और उड़ीसा, जो सूबे-बंगाल कहलाता था, की राजधानी बनने का गौरव जिस संताल परगना के राजमहल को था, उसी संताल परगना की धरती को अंग्रेजी शासन के दौरान बंगाल प्रांत के पदतल में पटक दिया गया।
- पहले अविभाजित बिहार , बंगाल, बंग्लादेश और उड़ीसा, जो सूबे-बंगाल कहलाता था, की राजधानी बनने का गौरव जिस संताल परगना के राजमहल को था, उसी संताल परगना की धरती को अंग्रेजी शासन के दौरान बंगाल प्रांत के पदतल में पटक दिया गया।
- यह बात मैंने अपनी दो लम्बी कविताओं- ' राक्षस पदतल पृथ्वी टलमल ' और ' बीजल से एक सवाल ' के सन्दर्भ में खास तौर पर कहूँगी क्योँ कि फेस बुक और ' समालोचन ' दोनों के पाठक इसे बखूबी समझ सकेंगे ...
- सहनशील रजकण प्रशान्त बन प्रभुपथ में बिछ जा मधुकरकिसी भाँति उसके पदतल मे ललक लिपट लटपट निर्झरप्राणकुंज के सुमन में सुन उसकी मनहर बोलीटेर रहा अर्पणानुभावा मुरली तेरा मुरलीधर ॥२४६॥हो न रही मारुत सिहरन की क्या अनुभूति तुम्हें मधुकरक्या न सुन रहे दूर तरंगित
- सहनशील रजकण प्रशान्त बन प्रभुपथ में बिछ जा मधुकरकिसी भाँति उसके पदतल मे ललक लिपट लटपट निर्झरप्राणकुंज के सुमन में सुन उसकी मनहर बोलीटेर रहा अर्पणानुभावा मुरली तेरा मुरलीधर ॥२४६॥हो न रही मारुत सिहरन की क्या अनुभूति तुम्हें मधुकरक्या न सुन रहे दूर तरंगित . ..
- तो जयजयकार करता समूह लौट चला उल्लसित कि बच गयीं प्रथाएँ रह गया मान रक्षित हुई मर्यादा फिर से खड़ा है धर्म बलपूर्वक हमारे ही दम पे जयजयकार , तुमुल निनाद, दमकता दर्प सब ओर अद्भुत हलचल लौटता है विजेताओं का दल राक्षस पदतल पृथ्वी टलमल.
- हमारे यहां के ‘ ब्राह्मणवाद ' से यह फ़लसफ़ा काफ़ी मिलता जुलता है जिसमें ब्राह्मण ईश्वर का मुख है , क्षत्रिय उसकी भुजाएं हैं , वैश्य उसका उदर हैं और शूद्र उसके पदतल हैं , यहां भी कोई अपने स्थान का अतिक्रमण नहीं कर सकता।