पहलगाँव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हर्षिल के बारे में सबसे खास बात यह है कि अगर किसी बंदे की आँख पर पहलगाँव ( कश्मीर) से पट्टी बाँध कर यहाँ लाये और यहाँ लाकर उसकी पटटी खोल दी जाये तो वह एक बार को यही समझ बैठेगा कि वह पहलगाँव में ही है।
- हर्षिल के बारे में सबसे खास बात यह है कि अगर किसी बंदे की आँख पर पहलगाँव ( कश्मीर) से पट्टी बाँध कर यहाँ लाये और यहाँ लाकर उसकी पटटी खोल दी जाये तो वह एक बार को यही समझ बैठेगा कि वह पहलगाँव में ही है।
- हमने अगले दिन अमरनाथ जाने की योजना बनानी चाही थी लेकिन जहाँ से अमरनाथ यात्रा आरम्भ होती है वहाँ पर लगे काऊँटर से हमने अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिये पता किया , उन्होंने बताया कि बिना यात्रा पर्ची के आप बालटाल व पहलगाँव से आगे नहीं जा सकते है।
- अमरनाथ की तीर्थयात्रा भी कठिन , दुर्गम और कष्टसाध्य है , फिर भी पर्वत-श्रृंखला लिद्दर घाटी के अंतिम छोर पर सँकरे दर्रे में स्थित अमरनाथ गुफा में प्रकृति द्वारा स्वतः निर्मित शिवलिंग के दर्शनों के लिए तीर्थयात्रियों को पहलगाँव से 48 कि . मी . के बर्फीले , पथरीले ऊबड़-खाबड़ मार्ग से गुजरना पड़ता है।
- आँख महिष मर्दिनी क्रोधीश 3 सुगंध , बांग्लादेश में शिकारपुर , बरिसल से 20 कि . मी . दूर सोंध नदी तीरे नासिका सुनंदा त्रयंबक 4 अमरनाथ , पहलगाँव , काश्मीर गला महामाया त्रिसंध्येश्वर 5 ज्वाला जी , कांगड़ा , हिमाचल प्रदेश जीभ सिधिदा ( अंबिका ) उन्मत्त भैरव 6 जालंधर , पंजाब में छावनी स्टेशन निकट देवी तलाब बांया वक्ष त्रिपुरमालिनी भीषण 7 बैद्यनाथधाम , देवघर , झारखंड हृदय जय दुर्गा बैद्यनाथ
- आँख महिष मर्दिनी क्रोधीश 3 सुगंध , बांग्लादेश में शिकारपुर , बरिसल से 20 कि . मी . दूर सोंध नदी तीरे नासिका सुनंदा त्रयंबक 4 अमरनाथ , पहलगाँव , काश्मीर गला महामाया त्रिसंध्येश्वर 5 ज्वाला जी , कांगड़ा , हिमाचल प्रदेश जीभ सिधिदा ( अंबिका ) उन्मत्त भैरव 6 जालंधर , पंजाब में छावनी स्टेशन निकट देवी तलाब बांया वक्ष त्रिपुरमालिनी भीषण 7 बैद्यनाथधाम , देवघर , झारखंड हृदय जय दुर्गा बैद्यनाथ
- तो फिर क्या करें ? सिर्फ एक ही फार्मूला है , कश्मीर के लिए ! आजादी हाँ , अलगाव ना ! ज़रा याद करें , नरसिंहरावजी का भाषण ! उन्होंने लाल किले से कहा था कि आजादी की सीमा आकाश तक फैली हुई है याने अनंत है | यदि मैं और आप दिल्ली , इंदौर , जयपुर , नागपुर , मुंबई आदि में आज़ाद रह सकते हैं तो श्रीनगर , पहलगाँव , मुजफ्पफराबाद के नागरिक आज़ाद क्यों नहीं रह सकते ? जितनी आजादी मुझे है , क्या उतनी आजादी उमर फारूक के लिए काफी नहीं है ?
- तो फिर क्या करें ? सिर्फ एक ही फार्मूला है , कश्मीर के लिए ! आजादी हाँ , अलगाव ना ! ज़रा याद करें , नरसिंहरावजी का भाषण ! उन्होंने लाल किले से कहा था कि आजादी की सीमा आकाश तक फैली हुई है याने अनंत है | यदि मैं और आप दिल्ली , इंदौर , जयपुर , नागपुर , मुंबई आदि में आज़ाद रह सकते हैं तो श्रीनगर , पहलगाँव , मुजफ्पफराबाद के नागरिक आज़ाद क्यों नहीं रह सकते ? जितनी आजादी मुझे है , क्या उतनी आजादी उमर फारूक के लिए काफी नहीं है ?