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पातिव्रत का अर्थ

पातिव्रत अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इसमें डा त्रिपाठी एकाधिक जगह पर बल देकर मीरा के पातिव्रत धर्म को स्थापित करते हैं और राणा द्वारा मीरा की मुखालिफ़त करने का कारण राजकुल मर्यादा का उल्लंघन बताते हैं।
  2. अब साड़ी के उस पर्वत के समान ऊँचे ढेर को देख कर वहाँ बैठे समस्त सभाजन द्रौपदी के पातिव्रत की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करने लगे और दुःशासन को धिक्कारने लगे।
  3. अब साड़ी के उस पर्वत के समान ऊँचे ढेर को देख कर वहाँ बैठे समस्त सभाजन द्रौपदी के पातिव्रत की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करने लगे और दुःशासन को धिक्कारने लगे।
  4. उनकी पत्नी अनसूयाजी के पातिव्रत धर्म की परीक्षा लेने हेतु ब्रह्मा , विष्णु और महेश तीनों ही पत्िनयों के अनुरोध पर श्री अत्रीऔर अनसूयाजी के चित्रकुटस्थित आश्रम में शिशु रूप में उपस्थित हुए।
  5. उनकी पत्नी अनसूयाजी के पातिव्रत धर्म की परीक्षा लेने हेतु ब्रह्मा , विष्णु और महेश तीनों ही पत्िनयों के अनुरोध पर श्री अत्री और अनसूयाजी के चित्रकुट स्थित आश्रम में शिशु रूप में उपस्थित हुए।
  6. उसने सोचा कि यदि प्रात : काल सूर्योदय हो ही नहीं तब तो मेरे पति के प्राण बच सकते हैं, अत: उसने अपने पातिव्रत के बल पर कहा कि जबतक मैं नहीं कहूँगी सूर्योदय होगा ही नहीं।
  7. उनकी पत्नी अनसूयाजी के पातिव्रत धर्म की परीक्षा लेने हेतु ब्रह्मा , विष्णु और महेश तीनों ही पत् ि नयों के अनुरोध पर श्री अत्री और अनसूयाजी के चित्रकुट स्थित आश्रम में शिशु रूप में उपस्थित हुए।
  8. सावित्री बोली कि हे प्रभो ! भारतीय नारी होने के नाते पति का अनुगमन ही तो मेरा धर्म है और मैं इस स्थान से आगे तो क्या आपके पीछे आपके लोक तक भी जा सकती हूँ क्योंकि मेरे पातिव्रत धर्म के बल से मेरी गति कहीं भी रुकने वाली नहीं है।
  9. इनके पिता महर्षि आत्रि और माता सती अनुसूइया जी थीं . महर्षि अत्रि जी ब्रह्मा के मानस पुत्र थे और उनकी पत्नी अनुसूया जी पतिव्रता थी जिस कारण एक बार उनके पातिव्रत धर्म की परीक्षा लेने हेतु देवी सरस्वती, लक्ष्मी ओर पर्वती जी अपने पतियों को उनके पास जाकर उनके सतीत्व की परीक्षा लेने को विवश करती हैं अत:
  10. महर्षि अत्रि जी ब्रह्मा के मानस पुत्र थे और उनकी पत्नी अनुसूया जी पतिव्रता थी जिस कारण एक बार उनके पातिव्रत धर्म की परीक्षा लेने हेतु देवी सरस्वती , लक्ष्मी ओर पर्वती जी अपने पतियों को उनके पास जाकर उनके सतीत्व की परीक्षा लेने को विवश करती हैं अत : ब्रह्मा , विष्णु और महेश तीनों ही पत्नियों के अनुरोध पर अनसूयाजी के समक्ष प्रकट होते हैं .
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