पाषाण मूर्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आखिर स्वयं भगवान राम ने पाषाण मूर्ति बनी अहिल्या को अपने चरणों का स्पर्श दिया , तब वह पुनः पवित्र हो नारी रूप में परिवर्तित हुई।
- उसी पाषाण मूर्ति में मां जगदंबा ने शक्ति भर दी और मूर्ति हर प्रकार की कामनाओं की पूर्ति , मंत्रों और साधना को सिद्ध करने वाली बन गई।
- * जो लोग सामर्थ्यवान नहीं हैं वह यथासमय और सुविधा ऋषिकेश स्थित गरुड़चट्टी के गरुड़ मंदिर की पाषाण मूर्ति से लिपटकर दोषों के लिए दीन-हीन भाव से क्षमा-याचना करें।
- जैसे पत्थर की अहलैया . काश इस ब्लॉग को पढ़कर ही या इस ब्लॉग के स्पर्श मात्र से ही इनमें से कोई भी पाषाण मूर्ति सजीव हो उठती !!!!!!!!!!
- जब ऋषि गौतम , इंद्र और चंद्रमा का तो कुछ न बिगाड़ सके , तो बेचारी नारी पर ही अपना ऋषि ज्ञान-विज्ञान का प्रयोग कर डाला और क्रोध में अहिल्या को पाषाण मूर्ति बना दिया।
- ? अगले दिन नाग जब सुबह सोकर उठा तो उसने देखा कि उसके विस्तर के पैरों वाले स्थान पर एक घायल मुख वाली मृतक नागिन पङी है पास ही रखी पाषाण मूर्ति पर सर पटक पटक कर उसने अपने प्राण त्याग दिये थे ..
- उस व्यक्ति का एकाध भाव अथवा सारे के सारे के भाव शिल्पांकित करने में भारतीय कलाकारों को समाधान नहीं मिलता तो जिस अमूर्त जीवन शक्ति के आधार से उस व्यक्ति को , उसकी पाषाण मूर्ति को या हम सभी को अस्तित्व उपलब्ध होता है वह जिंदापन , वह जीवन शक्ति भारतीय शिल्पों में संक्षिप्त रूप में चित्रित होने का अहसास होता है जिसको देखकर आदमी ( मोहित ) पागल होता है ।
- वाणभट्ट की आत्मकथा में धूम्रेश्वरी की दशभुजा पाषाण मूर्ति के साधक के संपूर्ण उत्सर्ग के प्रभाव से महामाया रानी के रूप में परिवर्तित हो जाने का प्रसंग हो या अनामदास का पोथा में जटिल मुनि के पद्मासनबद्ध सावित्री की दिव्य मूर्ति के रूप में परिणत हो जाने का प्रसंग हो , वह कल्पना की इसी यौगिक संभावना की ओर संकेत करते हैं कि मनुष्य अपने श्रद्धेय के साथ एकमेक हो सकता है।