प्याजी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्याजी खरपतवार के लिये रासायनिक खरपतवारनाशी बासलिन 1 कि . ग्राम. सक्रीय तत्व प्रति हैक्टर बुआई से पूर्व छिड़क कर भूमि में मिलावें अथवा बोनी के तुरंत बाद एवं अंकुरण से पूर्व आइसोप्रोटूरोन अथवा पेन्डीमिथलीन खरपतवारनाशी का 1 क्रिग्रा.
- खरपतवार नियंत्रण : जौ की फसल में बथुआ , हिरनखुरी , प्याजी कृष्णनील आदि चौड़ी पत्ती वाले तथा गेहूसा तथा जंगली जई की रोकथाम हेतु गेहूं की फसल में संस्तुत किये गये तृणनाशी रशय्नो का छिड़काव करें |
- खरपतवार नियंत्रण : जौ की फसल में बथुआ , हिरनखुरी , प्याजी कृष्णनील आदि चौड़ी पत्ती वाले तथा गेहूसा तथा जंगली जई की रोकथाम हेतु गेहूं की फसल में संस्तुत किये गये तृणनाशी रशय्नो का छिड़काव करें |
- गेहूँ की फसल में रबी ऋतु के लगभग सभी खरपतवार जैसे गजरी बथुआ प्याजी खरतुआ हिरनखुरी , चटरी-मटरी जंगली गाजर , सेजी , अकरा , अकरी , कृष्णनील , गेहूसा , तथा जंगली जई आदि की समस्या रहती है।
- वे दूर से देखते थे और पहचान लेते थे मद्धिम होता मेरा प्याजी रंग का कुर्ता थाम लेते थे बढ़कर कंधे से मेरा वही पुराना आसमानी रंग का झोला जिसे तमाम गर्द-गुबार ने खासा मटमैला कर दिया था वे मेरे रोज़ के मुलाक़ाती थे मैं चाचा था उन सबका मेरे जैसे सब उनके चाचा थे …
- मैं खिन्न मन से ब्रेड पकौड़ा और प्याजी खरीद कर वापस आया , तो याद पड़ा कि पानी लाना तो भूल ही गया ! मैं वापस बाहर आने को चल पड़ा ! बाहर निकलने के क्रम में जो शोर्टकट मैंने यूज़ किया उससे प्लेटफ़ॉर्म से नीचे कूदकर रेल की पटरियाँ लाँघ कर बाहर निकलना पड़ता है !
- ९ ) प्याजी ( ONION ) - तुम मिले , आप तो ऐसे न थे और साया - तीनों फिल्मों में एक गीत ऐसा है जिसके तीन संस्करण है - ' आप तो ऐसे न थे ' में “ तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है ” को रफ़ी , हेमलता और मनहर ने गाया है।
- प्याजी सी साडी प्याजी सी साडी में लिपटी हुई वोह , खडी थी कहने को बहुत कुछ आतुर, परतों पे परतें, जैसे तहें हों, प्याज की भाँती, आंखों में आंसू कुछ, एक शांत सी नींद और होठों पे मुस्कराहट परतों के नीचे का रहस्य मिला जब उनसे नहीं कोई गिला हमें अब जब अपने ही खो गए अर्थ कहीं सब
- प्याजी सी साडी प्याजी सी साडी में लिपटी हुई वोह , खडी थी कहने को बहुत कुछ आतुर, परतों पे परतें, जैसे तहें हों, प्याज की भाँती, आंखों में आंसू कुछ, एक शांत सी नींद और होठों पे मुस्कराहट परतों के नीचे का रहस्य मिला जब उनसे नहीं कोई गिला हमें अब जब अपने ही खो गए अर्थ कहीं सब
- अब चुप बैठी है , भगवान् करे तुम्हें रोने के नकली आंसू निकालने को प्याज का छिलका भी न मिले , मरने के बाद तेरे किसी भी संस्कार में प्याज नसीब न हो , अरे क्यों नहीं लाती …………… चला दे “ प्याज क्रान्ति ” आनियन रिवोल्यूशन ” फिर देख तमाशा जनमत का . भारत देश को एक “ प्याजी क्रान्ति ” की दरकार ………