प्रताड़ित होना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भूलवश या जानबूझ कर बिल्ली या गाय मार देने पर भी घर घर घूम कर भीख माँगना , प्रताड़ित होना आदि आदि धर्म आधारित समाज व्यवस्था के सामूहिक अनुशासन से जुड़े थे जिसमें कई परिस्थितियों में नर हत्या भी अपराध नहीं थी , स्वीकृत थी और गर्व का कारण भी।
- इसके पनपने और अपना लक्षण दिखाने में कुछ परिस्थितियों का अभूतपूर्व योगदान होता है जैसे की अकेलापन , मित्रों का कविता के प्रति उदासीन हो जाना, ऑफिस में स्थिरता का प्राप्त होना, पत्नी या प्रेमिका द्वारा प्रताड़ित होना, सफल कलाकार होना इत्यादि(आप इस लिस्ट में और भी बहुत कुछ जोड़ सकते हैं)।
- अगर कोई धारणा या अफ़वाह समाज को नुकसान पहुंचा रही है या बहुत से निरपेक्ष लोगों को उस धारणा के चलते सिर्फ इसलिए प्रताड़ित होना पड़ रहा है कि वे उस धारणा में विश्वास नहीं रखते तो वह धारणा या अफ़वाह भले पूरी तरह काल्पनिक हो , उस पर बात तो करनी ही पड़ती है न।
- अगर कोई धारणा या अफ़वाह समाज को नुकसान पहुंचा रही है या बहुत से निरपेक्ष लोगों को उस धारणा के चलते सिर्फ इसलिए प्रताड़ित होना पड़ रहा है कि वे उस धारणा में विश्वास नहीं रखते तो वह धारणा या अफ़वाह भले पूरी तरह काल्पनिक हो , उस पर बात तो करनी ही पड़ती है न।
- अगर कोई धारणा या अफ़वाह समाज को नुकसान पहुंचा रही है या बहुत से निरपेक्ष लोगों को उस धारणा के चलते सिर्फ इसलिए प्रताड़ित होना पड़ रहा है कि वे उस धारणा में विश्वास नहीं रखते तो वह धारणा या अफ़वाह भले पूरी तरह काल्पनिक हो , उस पर बात तो करनी ही पड़ती है न।
- एक ओर जहाँ वे अपने मन की व्यथा से अन्दर ही अन्दर घुटते रहने के लिए विवश रहते हैं वही दूसरी ओर जब कभी घर- समाज द्वारा उन्हें प्रताड़ित होना पड़ता है तो उनकी बुद्धि कुंठित होकर उन कठोर कहे गये शब्दों के इर्द-गिर्द घूमती रहती है , जिससे वे और भी चिन्तित होकर दुःख के निराकरण की युक्ति ढूंढते रहते हैं।
- एक ओर जहाँ वे अपने मन की व्यथा से अन्दर ही अन्दर घुटते रहने के लिए विवश रहते हैं वही दूसरी ओर जब कभी घर- समाज द्वारा उन्हें प्रताड़ित होना पड़ता है तो उनकी बुद्धि कुंठित होकर उन कठोर कहे गये शब्दों के इर्द-गिर्द घूमती रहती है , जिससे वे और भी चिन्तित होकर दुःख के निराकरण की युक्ति ढूंढते रहते हैं।
- मुसलमानों की सुरक्षा और आरक्षण के आधार पर पाकिस्तान और बांग्ला देशकी रचना हुई| और बचे हुए देश को भारत| अब इस भारत मे जातियाँ जो हिंदू समाज के अंतर्गत है , जिनको शतियों से प्रताड़ित होना पड़ा है, उन्हे अल्प कालिक(हमेशा के लिए नहीं) आरक्षण समझ म आता है| लेकिन शतकों से राज करने वाले, और ब्रिटिश राज मे अधिक अधिकार पाने वाले कौन से अन्याय के बदले आरक्षण चाहते है?
- सच में , बहुत गहरी बात कह दी आपने | चलिए किसी ने तो पुरुषों का भी पक्ष रखा | मैं मानता हूँ कि कुछ रूढ़िवादी मानसिकता के लोगों के कारण महिलाओं को प्रताड़ित होना पड़ता है | किन्तु इस सब हंगामे ने तो बेचारे पुरुष की छवि को जल्लाद में बदल दिया है | आखिर पुरुष भी मानव है कोई राक्षस तो नहीं | किसी एक की गलती का दंड पूरे समुदाय को देना कहाँ तक उचित है ?
- बहुत से लोग इस शाश्वत सत्य से भी वाकिफ हो चुके हैं कि आजकल काम से ज्यादा सैटिंग और चापलुसी का महत्त्व है और ऎसे में जो लोग काम करने वाले हैं उनकी पूछ नहीं होती बल्कि उन्हें हमेशा किसी न किसी प्रकार से मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ता है और ऎसे में कई तनावों और अवसादों की वजह से शारीरिक स्थितियां बिगड़ जाती हैं लेकिन इससे उन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता तो अधिनायकवादी और सामंती सोच रखते हैं।