फुरकत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तेरे बिन जो बीते दिन हैं , जाने किस तरह गए फुरकत तेरी ये जाने, हम कैसे सह गए...
- इस कदर है जाकै ताली हम पै फुरकत में तेरी , बैठ जाते हैं अगर दो गाम भी उठकर चले।
- शबे फुरकत का जागा हूँ , फरिश्तों अब तो सोने दो कभी फुर्सत मे कर लेना हिसाब आहिस्ता आहिस्ता
- ‘हाथ मिलाना दोस्ती का नाम नहीं है , दर्दे फुरकत गम-ए-तनहाई उमर, ये दोस्ती का कोई ईनाम नही है ।
- आई जो मेरे पास तो , मुझे इब्तिला दिया ॥ कभी फुरकत की बात पे,कहा चुप करो जी तुम ।
- ‘हाथ मिलाना दोस्ती का नाम नहीं है , दर्दे फुरकत गम-ए-तनहाई उमर, ये दोस्ती का कोई ईनाम नही है ।
- कभी है मिलन , कभी फुरकत , है यही क्या वो मोहब्बत , वाह रे वाह तेरी कुदरत ! ४.
- तेरी फुरकत में नज़र न आये अपनी भी सूरत , यही वज़ह है कि मैं बचती फिरती हूँ रौशनी से ।
- तेरी फुरकत ने परेशान किया है मुझको , अब तो मिल जा के मेरी जान पे बन आई है .
- इस कदर है जाकै ताली हम पै फुरकत में तेर ी , बैठ जाते हैं अगर दो गाम भी उठकर चले।