बक़रीद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कुरबानी ( अ. ) [ सं-स्त्री . ] 1 . बक़रीद के अवसर पर मुसलमानों द्वारा ऊँट , बकरा आदि पशु की बलि चढ़ाने की एक प्रथा ; पशुबलि 2 . { ला- अ. } किसी सामाजिक या महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाने वाला आत्मत्याग ; आत्मबलिदान।
- जब बकरे से बड़ी मछली खाई जा सकती है तो फिर बकरे को भी खाया जा सकता है और जब ये सब रोज़ खाए जा सकते हैं तो फिर बक़रीद के दिन भी क्यों नहीं ? ♥ मूर्ति वाले मंदिरों और मज़ारों पर जहां बलि दी जाती है या बलि के नाम पर बकरे का कान काट कर उसे बेच दिया जाता है, इसका विरोध आपके साथ हम भी करते हैं।
- जहाँ तक पशुवध की बात है तो भारत के कई मंदिरों में तो ये घिनौना काम खुलेआम होता है मगर हाँ इसे त्योहार कि शक्ल दे देना बहुत ही खेदजनक है और ऐसी परम्पराओं के निर्वाह से पहले किसी को खुद से पूछना चाहिए कि क्या कोई पैग़म्बर इस तरह की हिंसा की बात कर सकता होगा ? बक़रीद की कथा के अनुसार हज़रत इब्राहीम ने अपने बेटे की क़ुर्बानी दी मगर उसकी जगह तुम्बा निकला ।
- जहाँ तक पशुवध की बात है तो भारत के कई मंदिरों में तो ये घिनौना काम खुलेआम होता है मगर हाँ इसे त्योहार कि शक्ल दे देना बहुत ही खेदजनक है और ऐसी परम्पराओं के निर्वाह से पहले किसी को खुद से पूछना चाहिए कि क्या कोई पैग़म्बर इस तरह की हिंसा की बात कर सकता होगा ? बक़रीद की कथा के अनुसार हज़रत इब्राहीम ने अपने बेटे की क़ुर्बानी दी मगर उसकी जगह तुम्बा निकला ।
- जहाँ तक पशुवध की बात है तो भारत के कई मंदिरों में तो ये घिनौना काम खुलेआम होता है मगर हाँ इसे त्योहार कि शक्ल दे देना बहुत ही खेदजनक है और ऐसी परम्पराओं के निर्वाह से पहले किसी को खुद से पूछना चाहिए कि क्या कोई पैग़म्बर इस तरह की हिंसा की बात कर सकता होगा ? बक़रीद की कथा के अनुसार हज़रत इब्राहीम ने अपने बेटे की क़ुर्बानी दी मगर उसकी जगह तुम्बा निकला ।
- जहाँ तक पशुवध की बात है तो भारत के कई मंदिरों में तो ये घिनौना काम खुलेआम होता है मगर हाँ इसे त्योहार कि शक्ल दे देना बहुत ही खेदजनक है और ऐसी परम्पराओं के निर्वाह से पहले किसी को खुद से पूछना चाहिए कि क्या कोई पैग़म्बर इस तरह की हिंसा की बात कर सकता होगा ? बक़रीद की कथा के अनुसार हज़रत इब्राहीम ने अपने बेटे की क़ुर्बानी दी मगर उसकी जगह तुम्बा निकला ।