बदक़िस्मत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक्सीडेंट एंड इमरजेंसी के डॉक्टरों , पुलिसवालों और कुछ दूसरे बदक़िस्मत लोगों को पता है कि गोली लगने पर ख़ून कैसे बलबल करके निकलता है , छुरा जब अँतड़ियाँ बाहर निकाल देता है तो आदमी कैसे हिचकियाँ लेता है .
- मानव कौल नाम के युवा अभिनेता और नाटककार की यह रचना कई मायनों में यह हक़ रखती है कि आप इसे देखें और उन बदक़िस्मत लोगों में न गिने जाएँ जिन्हें अपनी तीन - तिकडमों से फुर्सत नहीं मिलती .
- ध्रुव की हालत देख सुरुचि खिल-खिला कर हँस पड़ी और बोली , ‘‘ अरे , बदक़िस्मत के बच्चे ! चाहे तुम ज़िंदगी भर तपस्या क्यों न करो , मेरे पुत्र के समान तुम्हें अपने पिता की जांघ पर बैठने का भाग्य प्राप्त न होगा।
- ध्रुव की हालत देख सुरुचि खिल-खिला कर हँस पड़ी और बोली , ‘‘ अरे , बदक़िस्मत के बच्चे ! चाहे तुम ज़िंदगी भर तपस्या क्यों न करो , मेरे पुत्र के समान तुम्हें अपने पिता की जांघ पर बैठने का भाग्य प्राप्त न होगा।
- मुकेश : कहा आपका यह वजह ही सही, के हम बेक़दर बेववा ही सही, बड़े शौक से जाइए छोड़ कर, मगर सहर-ए-गुलशन से युं तोड़ कर, फूल आहिस्ता फेंको, फूल बड़े नाज़ुक होते हैं, वैसे भी तो ये बदक़िस्मत नोक पे कांटों की सोते हैं।
- फ़िज़ूलख़र्ची के खाते में बड़े शान के साथ विक्टोरियन लैंपपोस्ट भी शामिल कर दिए गए और जो इतने कमज़ोर निकले कि उनमें से एक किसी गाड़ी के छू भर जाने से ऐसे धड़ाम हुआ कि किसी बदक़िस्मत ग़रीब की मौत का वारंट बन गया .
- मुकेश : कहा आपका यह वजह ही सही , के हम बेक़दर बेववा ही सही , बड़े शौक से जाइए छोड़ कर , मगर सहर-ए-गुलशन से युं तोड़ कर , फूल आहिस्ता फेंको , फूल बड़े नाज़ुक होते हैं , वैसे भी तो ये बदक़िस्मत नोक पे कांटों की सोते हैं।
- इन तमाम ग़लत अक़ाईद मे से जिन्होंने कि बदक़िस्मत इन्सानी दुनिया में लानत की बारिश की है कोई अक़ीदा ऐसे ख़तरनाक नताईज का पैदा करने वाला साबित नहीं हुआ जिस क़दर कि मज़हबी किताबों को मुनज़्ज़ा मिनल ख़ता मानने का निहायत ही क़ाबिले नफ़रत और पुर फ़रेब अक़ीदा साबित हुआ है।
- ' द ग्रेट वॉर ऑफ अफ्रीका कही जाने वाली इस लड़ाई में नौ देशों के सैनिक और आम लोगों के अलावा अनगिनत विद्रोही गुट एक दूसरे को निशाना बनाते रहे हैं और ये सब एक ऐसे बदक़िस्मत देश की सीमाओं के अंदर ही हो रहा है जिसका नाम है डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो।
- यह अपनी-अपनी क़िस्मत है कुछ कलियाँ खिलती हैं ऊपर और दूसरी मुरझा जातीं झुके-झुके जीवन भर भू पर माना बदक़िस्मत हैं लेकिन , क्या वे महक नहीं सकती हैं अगर मिले अवसर , अंगारे-सी क्या दहक नहीं सकती हैं ? धूप रोशनी अगर चमन में ऊपर-ऊपर ही बँट जाएँ माली तुम्हीं फैसला कर दो , हम किसको दोषी ठहराएँ ?