बाजीकरण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक वस् तु के साथ एक मुफ् त , नवीन पैकिंग , किश् तों में खरीदारी , शून् य ब् याज वाली ऋण सुविधा यानि बाजार के इस बाजीकरण में मुंडने की प्रतीति नहीं होती।
- वात वाहनियों , मांसपेशियों या स्नायुओं के संकोच या वात विकार के कारण तीव्र वेदना उत्पन्न होती है इसका शमन करने के लिए बाजीकरण लौह भस्म और सिंगरक से मारण की हुई लौह भस्म उत्तम है।
- इस घी की एक चौथाई ग्राम से कम मात्रा को पान में रखकर खाने से बाजीकरण ( संभोग शक्ति तेज होना ) होता है तथा लिंग पर इस घी की मालिश करने से उसकी शिथिलता दूर हो जाती है।
- 4 से 6 ग्राम गूलर के फल का चूर्ण और बिदारीकंद का चूर्ण एकसाथ मिलाकर उसमें बराबर मात्रा मे मिश्री मिलाकर घी मिले हुए दूध के सुबह-शाम सेवन करने से पौरुष शक्ति की वृद्धि व बाजीकरण की शक्ति बढ़ जाती है।
- 4 से 6 ग्राम गूलर के फल का चूर्ण और बिदारी कन्द का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर मिश्री और घी मिले हुए दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पौरुष शक्ति की वृद्धि होती है व बाजीकरण की शक्ति बढ़ जाती है।
- इसके आठ अंग हैं ( १) शल्य (चीरफाड़), (२) शालाक्य (सलाई), (३) कायचिकित्सा (ज्वर, अतिसार आदि की चिकित्सा), (४) भूतविद्या (झाड़-फूँक), (५) कौमारभृत्य (बालचिकित्सा), (६) अगदतंत्र (बिच्छू, साँप आदि के काटने की दवा), (७) रसायन और (८) बाजीकरण । आयुर्वेद शरीर में बात, पित्त, कफ मानकर चलता है ।
- 2 . इन्द्रजौ : 50 - 50 ग्राम इन्द्रजौ , तारा मीरा के बीज और उटंगन के बीजों को एकसाथ कूटकर और छानकर 5 - 5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद में मिलाकर चाटने से बाजीकरण का रोग ( यौन शक्ति का कम होना ) दूर हो जाता है।
- लेकिन सम्भोग करने की इच्छा अधिक बलवती होने या अत्यधिक होने का कारण किसी शारीरिक रोग या मानसिक रोग अथवा किसी एलोपैथी की दवा के दुष्परिणाम अथवा कोई विषेश खाद्य पदार्थ खाने से उतपन्न या आयुर्वेद की बाजीकरण से सम्बन्धित औषधियों के सेवन से पैदा जोश आदि आदि हो सकते हैं /
- २- यह रसायन गुण युक्त है इसलिये यह चूर्ण आयुर्वेदोक्त सप्त धातुओं की रक्षा करके रस , रक्त, मान्स , मेद, अस्थि, मज्ज, और शुक्र धातुओं की बृध्धि करता है / ३- यह बाजीकरण योग है इसलिये यह कमजोर मनुष्यों को सम्भोग करने के लिये अधिक वीर्य उत्पादन के लिये सम्र्थ बनाता है /
- दूसरी रिपोर्ट एक २ ३ साल के नवयुवक की है जिसे कई तरह की तकलीफे हैं जिन्हे यहां बताना उचित नही होगा / मरीज की प्रायवेसी को देखते हुये बहुत कुछ नही बताया जा रहा है , लेकिन इशारे के लिये इतना कहना काफी है कि इसे बाजीकरण और रसायन और ध्वज भन्ग ्से सम्बन्धित विकार है /