बुलढाना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके अलावा महाराष्ट्र के बुलढाना के खमगांव में एक खास जाति के बच्चों के लिए आश्रम चलाया जा रहा है , जहां 470 बच्चे आधुनिक शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
- यही वजह है कि आज यवकमाल , अकोला , वर्धा , अमरवती , बुलढाना , वासिंम , भंडारा , गोंडिया और नागपुर जसे जिलों में किसानों का प्रतिरोध रंग लाता नजर आ रहा है।
- यही वजह है कि आज यवकमाल , अकोला , वर्धा , अमरवती , बुलढाना , वासिंम , भंडारा , गोंडिया और नागपुर जसे जिलों में किसानों का प्रतिरोध रंग लाता नजर आ रहा है।
- बुलढाना के दो किसानों सरनध सिंह चव्हाण और विजय कुमार सिंह चव्हाण ने इस बारे में याचिका दायर की थी और बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया था।
- महाराष्ट्र : बीड | अहमदनगर | अकोला | अमरावती | बुलढाना | चंद्रपुर | धुले | गोंडिया | जलगांव | जालना | उस्मानाबाद | परभणी | सांगली | सतारा | सिंधुदुर्ग | शोलापुर | ठाणे | भंडारा | यवतमान |
- बंबई हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि देशमुख ने बुलढाना के कलेक्टर और खामगाव पुलिस थाने को यह कहकर कानून का उल्लंघन किया कि विधायक दिलीप कुमार सानंदा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाए।
- एक वरिष्ठ राकांपा नेता ने नाम न दिए जाने की शर्त पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया , ' हमारे पार्टी अध्यक्ष ने खासकर बीड , जालना , अहमदनगर , सांगली , पुणे और बुलढाना जिलों में सूखे की स्थिति की समीक्षा की और सूखा राहत कार्यों की मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी , जो विभिन्न जिलों के प्रशासन के साथ मिलकर राज्य सरकार कर रही है।
- १८९९ के मथुरा अधिवेशन से आरम्भ भारत जैन महामण्डल का सफर निरंतर प्रवाहमान होता गया | देश भर में शाखाओं की स्थापना होती गयी | देश के विभिन्न भागों में अधिवेशन करने के दूरदर्शी चिंतन ने महामण्डल को निरन्तर विस्तार दिया | १८९९ से २०१२ के ५३वें अधिवेशन तक महामण्डल ने मुंबई में ९ , वर्धा में ४, मथुरा में ३, मेरठ, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ, हैदराबाद, ब्यावार, जामनेर में २-२ तथा हिसार, अंबाला, सहारनपुर, सूरत, मुजफ्फरनगर, बनारस, नागपुर, बीकानेर, अमरावती, यवतमाल, इटारसी, चेन्नई, मुराड, बुलढाना, उदयपुर, चदंवाड़, सांगली, जोधपुर, इन्दौर, दिल्ली में एक-एक अधिवेशन किया |
- आज अमोल की सगाई का दिन था | यह रस्म मराठी में साखरपूड़ा कहलाती है और लड़की के घर पर होती है | सुबह सुबह उठकर तैयार होना था | करीबन १० बजे हम लोग लोणार की तरफ निकल पड़े | लोणार , बुलढाना जिले में एक छोटी सी जगह है | परभणी से २ घंटे का सफ़र तय करने के बाद करीब १२ बजे हम लोग लोणार में थे | इसके बाद ३-४ घंटे तक साखरपूड़ा की रस्म चलती रही और इसके बाद स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया | अब समय था लोणार की कुछ जगहे देखने का |
- आज अमोल की सगाई का दिन था | यह रस्म मराठी में साखरपूड़ा कहलाती है और लड़की के घर पर होती है | सुबह सुबह उठकर तैयार होना था | करीबन १० बजे हम लोग लोणार की तरफ निकल पड़े | लोणार , बुलढाना जिले में एक छोटी सी जगह है | परभणी से २ घंटे का सफ़र तय करने के बाद करीब १२ बजे हम लोग लोणार में थे | इसके बाद ३-४ घंटे तक साखरपूड़ा की रस्म चलती रही और इसके बाद स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया | अब समय था लोणार की कुछ जगहे देखने का |