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बुलाक का अर्थ

बुलाक अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. चेहरे पर टिकुली के साथ के साथ कान में ढार , तरकी, खिनवां, अयरिंग, बारी, फूलसंकरी, लुरकी, लवंग फूल, खूंटी, तितरी धारण की जाती है तथा नाक में फुल्ली, नथ, नथनी, लवंग, बुलाक धारण करने का प्रचलन है।
  2. इसके बाद यहां स्थानीय मंजी साहिब गुरुद्वारा में मेयर को बुलाक र वहां उन्हें सजा सुनाई गई लेकिन एसजीपीसी सदस्य इस सजा से नाखुश हैं , उनका कहना है कि यहां स्थानीय स्तर पर किसी भी सिख को सजा देने का कोई अधिकार नहीं है।
  3. मेल भेजने के दो दिन बात शशिकांत ठाकुर ने उसे बुलाक हंसते हुये कहा था , “ आजकल संपादक जी को बहुत मेल कर रहो , मेल में क्या लिखा है , आतंकवाद पर रिपोर्टिंग करने के लिए अफगानिस्तान जाना चाहते हो ? ”
  4. परंपरागत जेवर सोने के बने होते , जिनमें एक बुलाक (दोनों नथुनों के बीच चिबुक तक झुलता एक छल्ला), नथुनी (नाक की बाघी), गलाबंद (हार), एक हंसुली (गले के इर्द-गिर्द मोटे चांदी का छड़नुमा जेवर) तथा एक धांगुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते, शामिल होते।
  5. परंपरागत जेवर सोने के होते और इनमें बुलाक ( नाक के नथुनों के बीच की बाली जो चिबुक एक झूलता), नथनी, गला बंद (हार), हंसुली (मोटे चांदी का जेवर गले के चारों ओर रहता तथा संपन्न वर्ग के लिये सोने का होता) तथा एक धागुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते शामिल था।
  6. परंपरागत जेवर सोने के होते और इनमें बुलाक ( नाक के नथुनों के बीच की बाली जो चिबुक एक झूलता), नथनी, गला बंद (हार), हंसुली (मोटे चांदी का जेवर गले के चारों ओर रहता तथा संपन्न वर्ग के लिये सोने का होता) तथा एक धागुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते शामिल था।
  7. परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें शामिल होते हैं बिंदाल , कानों के झुमके, बुलाक (नाक की बाली जो नाकों के दोनों छिद्रों के केंद्र में पहना जाता है और चिबुक तक झुलता है), नथ, तिमाणिया (गले का हार जिसमें तीन खोखले स्वर्णिम गोलों को मूंगे के मनके के कई तारों पर झुलाया जाता है)
  8. परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें बुलाक ( चिबुक तक झूलता, पुष्पाकार एक नाक का पीन फुली, दो नथुनों के बीच पहना जाने वाला नाक की बाली है), गला बंद (गले का हार), एक हंसुली (गले के इर्द-गिर्द पहना जाने वाला चांदी का जेवर) जो संपन्न वर्गों के लिये सोना भी हो सकता है शामिल होते हैं।
  9. परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें बुलाक ( चिबुक तक झूलता, पुष्पाकार एक नाक का पीन फुली, दो नथुनों के बीच पहना जाने वाला नाक की बाली है), गला बंद (गले का हार), एक हंसुली (गले के इर्द-गिर्द पहना जाने वाला चांदी का जेवर) जो संपन्न वर्गों के लिये सोना भी हो सकता है शामिल होते हैं।
  10. ावलेप से जिसका दमकता पुतानन कान में बिरिया - टूम होंठ छूती बुलाक कंठ में बिछे सिक्कों का मुक्ताहार बाँहों में बहुट्नी कलाई में चूडियों का निबंध ठालिनी - धारित लंक नग्न पावों में जावक व अनवट , बीच - बीच में उधडे वस्त्र देह से झरता अनपेक्षित उपेक्षित जोबन विलोक उस नारी का वह वन्य वृक्ष लताओं सा आदिम
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