बेमुरौवत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कामना तो अलोपीदीन की भी यही थी- ‘ परमात्मा से यही प्रार्थना है कि वह आपको सदैव वही नदी किनारे वाला , बेमुरौवत , उदंड , कठोर परंतु धर्मनिष्ठ दारोगा बनाए रखे।
- आप अपने ही दिल से पूछ देखिये कि अग्निदत्त , जिसके साथ आपने सब-कुछ किया , कैसे बेईमान और बेमुरौवत निकला और मैं , जिसे आपने हद से ज्यादे तरसाया कैसी हालत में आपकी मदद करने को तैयार हूं।
- चपला ने कहा , ‘‘ अच्छी हैं , सिवाय आपकी याद के और किसी तरह की तकलीफ नहीं है , हमेशा कह करती हैं कि बड़े बेमुरौवत हैं , कभी खबर भी नहीं लेते कि जीती है या मर गई।
- यादेंकच्ची तोड़ सुखाई यादें शाम के रंग रंगी उदास यादें , राह चलते पुल पेड़ मकान नदी ,के संग छूटती ओझल होती यादें !गिलहरी की पूंछ सी फिसलती यादें !उड़ते पंखों वाली खुशियों की यादें !बेमुरौवत दिल को दुखाती यादें !इन सबको बहुत भुलाया ,पर भूली नही दिल पर , सिल की तरह जमीं, बैठी यादें ! प्रस्तुतकर्ता
- - 2 सुना था खूब कईयों से कि ब्लॉगर रोशनी है समाँ बांधे है ज़ज्बा जोश होश औ ईलम का तालिबे इल्म जाहिल जो है गाफिल बेमुरौवत नसीहत कायदे है पेसे खिदमत दरबदर दम हरूफो में भरे जादू निगाहें आफताबी करारी चोट देगें उसको जो है बुत सितम का दे के तरजीह हिक़मत का ज़माने क़ी मिशालें फना तक़लीफ़ करने को सहारा ले कशम का .
- कृष्णा - जरा विचार करके देखो कि तुम उनको तो बेमुरौवत कहती हो , इसका खयाल भी नहीं करतीं कि तुम लोग उनसे कहीं बढ़कर बेमुरौवत हो ! राजा गोपालसिंह एक चीठी अपने हाथ से लिखकर तुम्हारे पास भेज देते तो तुम्हें सन्तोष हो जाता मगर चीठी के बदले में मुझे भेजना तुम लोगों को पसन्द न आया ! अच्छा , अहसान जताने का रास्ता तो तुमने खोल ही दिया है , खुद गोपालसिंह पर अहसान बता चुकी हो , तो अगर मैं भी यह कहूं कि मैंने तुम लोगों पर अहसान किया है तो क्या बुराई है ?
- कृष्णा - जरा विचार करके देखो कि तुम उनको तो बेमुरौवत कहती हो , इसका खयाल भी नहीं करतीं कि तुम लोग उनसे कहीं बढ़कर बेमुरौवत हो ! राजा गोपालसिंह एक चीठी अपने हाथ से लिखकर तुम्हारे पास भेज देते तो तुम्हें सन्तोष हो जाता मगर चीठी के बदले में मुझे भेजना तुम लोगों को पसन्द न आया ! अच्छा , अहसान जताने का रास्ता तो तुमने खोल ही दिया है , खुद गोपालसिंह पर अहसान बता चुकी हो , तो अगर मैं भी यह कहूं कि मैंने तुम लोगों पर अहसान किया है तो क्या बुराई है ?