बेरूख़ी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस ख़ुत्बे में परवरदिगार के सिफ़ात , तक़वा की नसीहत , दुनिया से बेज़ारी का सबक़ , क़यामत के हालात , लोगों की बेरूख़ी पर तम्बीह और फिर यादे ख़ुदा दिलाने में अपनी फ़ज़ीलत का ज़िक्र किया गया है।
- उम्मीद है कि गोरों की टाई के प्रति बेरूख़ी से भारत के भूरे साहबों को भी कुछ सीख मिल सकेगी जो कि कंठलंगोट को उतनी ही अहमियत देते हैं , जैसा प्रख्यात लेखक नीरद सी चौधरी दिया करते थे .
- मेरे प्रिय दोस्तों , देखिए आज के ज़माने में नौकरी खोज-खोज कर आदमी बूढ़ा हो जाता हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल पातीं हैं, अगर नौकरी मिलती भी हैं तो अपने साहबों की बेरूख़ी बातें सुननी पड़ती हैं क्योंकि हम नौकर जो हैं....
- मोहब्बत तो हमने भी की पर मेरे महबूब ने मेरे साथ बहुत बेरूख़ी की वो इस दिल से दूर गई भी नही ओर मेरे दिल के क़रीब भी नही जानती है वो तड़पता हूँ मैं पर मेरे ज़ख़्मो को वो निहारती भी नही
- हर सड़क घूम कर तेरी ओर ले आई मुझको शायद रास्ते थे खतम तेरी यादों के शहर में लोग लूट रहे थे बेखौफ़ होकर कारवाँ मेरा , तमाशबीन बने हम तेरी यादों के शहर में ये बेरूख़ी भी रही बेअसर तुझ पे , कोई Read more
- सरकार की बेरूख़ी की शिकायत करने वाले यहां के मतदाता इस बार अपना नेता किसे चुनते हैं इसका फ़ैसला तो वहीं करेंगे लेकिन इतना ज़रूर है कि समुंदर में चुनावी सभा करने के फ़ैसले ने लोगों और मीडिया का ध्यान तो इस सीट की तरफ़ खींच ही लिया है।
- एहसास हुआ आईने में देखने के बाद एक उम्र कट गयी है उनसे बेरूख़ी के बाद ज़मीन और फलक का भी रिश्ता अजीब है टूटे हुए दो दिल हैं उनसे बेरूख़ी के बाद मोहब्बत में फासलों की जाने कैसी रीत है चर्चा रहा ये आम उनसे बेरूख़ी के बाद हो उसका माफ़ हर गुनाह वो मेरा अ . ..
- एहसास हुआ आईने में देखने के बाद एक उम्र कट गयी है उनसे बेरूख़ी के बाद ज़मीन और फलक का भी रिश्ता अजीब है टूटे हुए दो दिल हैं उनसे बेरूख़ी के बाद मोहब्बत में फासलों की जाने कैसी रीत है चर्चा रहा ये आम उनसे बेरूख़ी के बाद हो उसका माफ़ हर गुनाह वो मेरा अ . ..
- एहसास हुआ आईने में देखने के बाद एक उम्र कट गयी है उनसे बेरूख़ी के बाद ज़मीन और फलक का भी रिश्ता अजीब है टूटे हुए दो दिल हैं उनसे बेरूख़ी के बाद मोहब्बत में फासलों की जाने कैसी रीत है चर्चा रहा ये आम उनसे बेरूख़ी के बाद हो उसका माफ़ हर गुनाह वो मेरा अ . ..
- मैं कभी तुम्हे ये ना कह सकी जो आज लिख रही हूँ - काश आप मुझे कभी बोल सकते की आप मुझे कितना चाहते है . .....मैं दुनिया के सारे कष्ट सह सकती हूँ पर आपकी रुसवाई और बेरूख़ी मेरे सम्मान को मंज़ूर नही ...आज आपने मुझे घर छोड़ने के लिए कहा, मैं घर से निकल गयी .....