बैना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बैना असहाबिहि फ़अख़ा बैना अबिबक्र व उमर व फ़ुलानुन व फ़ुलानुन फ़जआ अली ( रज़ियाल्लहु अन्हु ) फ़क़ाला अख़ीता बैना असहाबिक व लम तुवाख़ बैनी व बैना अहद ? फ़क़ाला रसूलुल्लाहि ( स. ) अन्ता अख़ी फ़ी अद्दुनिया वल आख़िरति।
- बैना असहाबिहि फ़अख़ा बैना अबिबक्र व उमर व फ़ुलानुन व फ़ुलानुन फ़जआ अली ( रज़ियाल्लहु अन्हु ) फ़क़ाला अख़ीता बैना असहाबिक व लम तुवाख़ बैनी व बैना अहद ? फ़क़ाला रसूलुल्लाहि ( स. ) अन्ता अख़ी फ़ी अद्दुनिया वल आख़िरति।
- “ क़ूलू आमन्ना बिल्लाहि व मा उन्ज़िला इलैना व मा उन्ज़िला इला इब्राहीमा व इस्माईला व इस्हाक़ा व यअक़ूबा वल अस्बाति वमा ऊतिया मूसा व ईसा वमा ऊतिया अन्नबीय्यूना मिन रब्बिहिम , ला नुफ़र्रिक़ु बैना अहादिम मिनहुम व नहनु लहू मुस्लिमूना।”
- ” क़ूलू आमन्ना बिल्लाहि व मा उन्ज़िला इलैना व मा उन्ज़िला इला इब्राहीमा व इस्माईला व इस्हाक़ा व यअक़ूबा वल अस्बाति वमा ऊतिया मूसा व ईसा वमा ऊतिया अन्नबीय्यूना मिन रब्बिहिम , ला नुफ़र्रिक़ु बैना अहादिम मिनहुम व नहनु लहू मुस्लिमूना।
- बैना अज़्ज़हरि व अलअस्रि , व बैना अलमग़रिबि व अलइशाइ बिल मदीनति मिन ग़ैरि ख़ौफ़ि व ला मतरिन , क़ाला फ़क़ीला लिइब्नि अब्बास मा अरादा बिज़ालिक ? क़ाला अरादा अन ला युहरिजा उम्मतहु ” [ 1 7 ] यानी पैग़म्बरे इस्लाम ( स.
- बैना अज़्ज़हरि व अलअस्रि , व बैना अलमग़रिबि व अलइशाइ बिल मदीनति मिन ग़ैरि ख़ौफ़ि व ला मतरिन , क़ाला फ़क़ीला लिइब्नि अब्बास मा अरादा बिज़ालिक ? क़ाला अरादा अन ला युहरिजा उम्मतहु ” [ 1 7 ] यानी पैग़म्बरे इस्लाम ( स.
- हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम एक हदीस में फ़रमाते हैं कि “ इज़ काना यौमु अलक़ियामति बअसा अल्लाहु अलआलिमा व अलआबिदा , फ़इज़ा वक़फ़ा बैना यदा अल्लाहि अज़्ज़ा व जल्ला क़ीला लिआबिदि इनतलिक़ इला अलजन्नति , व क़ीला लिलआलिमि क़िफ़ तशफ़अ लिन्नासि बिहुस्नि तादीबिका लहुम।
- 136 में वर्णन होता है कि “ क़ूलू आमन्ना बिल्लाहि व मा उन्ज़िला इलैना व मा उन्ज़िला इला इब्राहीमा व इस्माईला व इस्हाक़ा व यअक़ूबा वल अस्बाति वमा ऊतिया मूसा व ईसा वमा ऊतिया अन्नबीय्यूना मिन रब्बिहिम , ला नुफ़र्रिक़ु बैना अहादिम मिनहुम व नहनु लहू मुस्लिमूना।”
- यह वह चीज़ हैं जिसको हमने मकतबे आइम्मा-ए-अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम से सीखा है उन्होँने हम से फ़रमाया है कि “ न जबरे मुतलक़ सही है न तफ़वाज़े मुतलक़ बल्कि इन दोनों के दरमियान एक चीज़ है , ला जबरा व ला तफ़वीज़ा व लाकिन अमरा बैना अमरैन ” [ 21 ]
- जब सफ़ा पहाड़ी पर सैय्यदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने अरब के लोगों को दावत दी , हर तरफ़ से लोग आए और हुज़ूर ने उनसे अपनी सच्चाई और अमानत की गवाही लेने के बाद फ़रमाया - इन्नी लकुम नज़ीरूम बैना यदैय अज़ाबिन शदीदिन यानी में तुम्हें उस अज़ाब का डर दिलाता हूँ जो तुम्हारे बहुत क़रीब है .