ब्रह्म-ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शान्ति प्राप्त करे , लेकिन शांती भी है तो माया के राज्य में , इसलिए माया के राज्य से भी शांत-आत्मा मुक्त हो जाए , ब्रह्म-ज्ञान पा ले और ब्रह्म-ज्ञान पाकर घर-गृहस्थी में अथवा अकेले किसी गिरी-गुफा में बैठे नहीं अपितु ब्रहमज्ञानी मुक्तात्मा दूसरों को भी मुक्त कर दे कितना ऊंचा विचार है ।
- शान्ति प्राप्त करे , लेकिन शांती भी है तो माया के राज्य में , इसलिए माया के राज्य से भी शांत-आत्मा मुक्त हो जाए , ब्रह्म-ज्ञान पा ले और ब्रह्म-ज्ञान पाकर घर-गृहस्थी में अथवा अकेले किसी गिरी-गुफा में बैठे नहीं अपितु ब्रहमज्ञानी मुक्तात्मा दूसरों को भी मुक्त कर दे कितना ऊंचा विचार है ।
- शान्ति प्राप्त करे , लेकिन शांती भी है तो माया के राज्य में , इसलिए माया के राज्य से भी शांत-आत्मा मुक्त हो जाए , ब्रह्म-ज्ञान पा ले और ब्रह्म-ज्ञान पाकर घर-गृहस्थी में अथवा अकेले किसी गिरी-गुफा में बैठे नहीं अपितु ब्रहमज्ञानी मुक्तात्मा दूसरों को भी मुक्त कर दे कितना ऊंचा विचार है ।
- भावार्थ : ब्रह्म-ज्ञान में स्थित उस मुक्त पुरूष का समर्पण ब्रह्म होता है , हवन की सामग्री भी ब्रह्म होती है , अग्नि भी ब्रह्म होती है , तथा ब्रह्म-रूपी अग्नि में ब्रह्म-रूपी कर्ता द्वारा जो हवन किया जाता है वह ब्रह्म ही होता है , जिसके कर्म ब्रह्म का स्पर्श करके ब्रह्म में विलीन हो चुके हैं ऎसे महापुरूष को प्राप्त होने योग्य फल भी ब्रह्म ही होता हैं।
- भावार्थ : ब्रह्म-ज्ञान में स्थित उस मुक्त पुरूष का समर्पण ब्रह्म होता है , हवन की सामग्री भी ब्रह्म होती है , अग्नि भी ब्रह्म होती है , तथा ब्रह्म-रूपी अग्नि में ब्रह्म-रूपी कर्ता द्वारा जो हवन किया जाता है वह ब्रह्म ही होता है , जिसके कर्म ब्रह्म का स्पर्श करके ब्रह्म में विलीन हो चुके हैं ऎसे महापुरूष को प्राप्त होने योग्य फल भी ब्रह्म ही होता हैं।