भक्तमाल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस कारण ' नाभादास ने भक्तमाल में इनकी चर्चा की है।
- छीतस्वामी का इतवृत्त भक्तमाल जैसे भक्त-गुण-गायक ग्रंथों में नहीं मिलता।
- यह घटना ‘ भक्तमाल ' में विस्तार से आती है।
- नाभादास ने भी अपने ' भक्तमाल' में उन्हें दिव्य-दृष्टिसम्पन्न बताया है।
- नाभादास ने भी अपने ' भक्तमाल' में उन्हें दिव्य-दृष्टिसम्पन्न बताया है।
- कार्यक्रम में ब्रज ब्रज भक्तमाल नामक ग्रंथ का विमोचन हुआ।
- छीतस्वामी का इतवृत्त भक्तमाल जैसे भक्त-गुण-गायक ग्रंथों में नहीं मिलता।
- भक्तमाल की कई प्रतियों में रामानन्द पद्धति का पाठ है।
- नाभादास ने ‘ भक्तमाल ' 1585 से 1620 के बीच रची।
- भक्तमाल की पहली टीका प्रियादास ने 1712 ई . में लिखी ,