भाई भतीजा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अब भी सोच कर देख लें , आप पर अभियोग लग सकता है कि इस जमाने में भी आप ने भाई भतीजा वाद से दूर रह कर सब से घृणित अकृत्य किया और सजा में आप को घर / परिवार बदर किया जा सकता है।
- जहाँ एक और जाति , धर्म , क्षेत्र और भाई भतीजा , अशिक्षा , गरीबी वोट को प्रभावित करते हैं वहीं एक स्थायी प्रकार की निराशा भी इसको बहुत दूर तक प्रभावित करती है- जीहाँ केवल अनपढों में नहीं हम पढ़े लिखों में भी है यह निराशा और भ्रमभंग।
- जब बात वतन की है तो क्या भाई भतीजा अंग्रेजों के जो साथ हैं उनसे नहीं रिश्ता मजहब को भी है बात नहीं कोई तमाशा अंग्रेजों की फौजों से निकल आये तो अच्छा रोके से न मानेगी जो एक बार चलेगी हम रन की तरफ जाते हैं तलवार चलेगी
- जब बात वतन की है तो क्या भाई भतीजा अंग्रेजों के जो साथ हैं उनसे नहीं रिश्ता मजहब को भी है बात नहीं कोई तमाशा अंग्रेजों की फौजों से निकल आये तो अच्छा रोके से न मानेगी जो एक बार चलेगी हम रन की तरफ जाते हैं तलवार चलेगी . ..
- इस गीत में व्रत करती स्त्रियाँ अपने आराध्य देव सूर्य और छठी मैया से अपने ससुराल के लिए अन्न - धन-भण्डार , मांगती हैं , मायके के लिए भाई भतीजा , अपने लिए अखंड सौभाग्य यानि पति की आयु मांगती हैं , अर्थात अपने लिए उनकी कोई स्वतंत्र कामना नहीं है .
- एक सामान्य लड़का , बेटा, भाई, भतीजा, पत्रकार, जीवन के गूड रहस्यौ के बारे मे सोचने वाला, समाज के भाति-भाति चेहरो को पढ़ने की कोशिश करने वाला, चिंतन करने वाला, न जाने और क्या क्या...फिर भी..जीवन मे खालीपन...अधूरापन...सुकून की तलाश, शांति को भटकता मन, विचारो के अंतर्द्वंद से मुक्ति की छटपटाहट...आखिर क्या खोजते रहता होगा इंसान और किसलिए...
- महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के ये घाल मेल बताता है कि भारत कि जातीय छवि कैसी है , लगभग यही हाल पूरे देश के शिक्षा जगत का है जहाँ, जातीय जहर भाई भतीजा और तो और जिन कारणों से भी अनिल चमडिया बाहर आये क्या,राय साहब अपने रिश्तेदार पर उठ रही उंगली कि ओर भी ध्यान दिया?
- रही भाई भतीजा वाद की बात तो राज निति से लेकर अब पत्रकारिता मैं भी इस का चलन जोर शोर से होने लगा है हम राज नेताओ को कोसते है की वो भ्रष्टाचारी होते है लेकिन ये बड़े पद पर बेठे लोग कम है क्या अब पत्रकार बनने से तो अच्छा है की कोई खुद का काम कर लो !
- कुंती क्रष्ण की बुआ थीं . ..और इसके अलावा उनके उच्च पद से भली भांति परिचित थीं ...भाई भतीजा वाद काम आया ...कुंती ने उनके पास जाकर उन्हें संबोधित किया ..."हे प्रभु ! हम आपकी कृपा पर पूरी तरह से आश्रित हैं ...हमे सत्ता का शासन दिलाने वाला कोई दूसरा नही है ...उनका अभिप्राय कृष्ण के हस्तिनापुर में रह कर पांडवों के
- महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के ये घाल मेल बताता है कि भारत कि जातीय छवि कैसी है , लगभग यही हाल पूरे देश के शिक्षा जगत का है जहाँ , जातीय जहर भाई भतीजा और तो और जिन कारणों से भी अनिल चमडिया बाहर आये क्या , राय साहब अपने रिश्तेदार पर उठ रही उंगली कि ओर भी ध्यान दिया ?