भाषा शास्त्री का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जो लोग इस ब्लॉग लिंगो से परिचित नहीं हैं वे ब्लॉग निघंटु के ज्ञाता किसी भी टिप्पणीकार से पूछ सकते हैं . ....ऐसे कुछ ब्लॉग भाषा शास्त्री यहाँ टिपियाने तो आयेगें ही ......&
- जो लोग इस ब्लॉग लिंगो से परिचित नहीं हैं वे ब्लॉग निघंटु के ज्ञाता किसी भी टिप्पणीकार से पूछ सकते हैं . ....ऐसे कुछ ब्लॉग भाषा शास्त्री यहाँ टिपियाने तो आयेगें ही ...... प्रस्तुतकर्ता
- देवियों और सज्जनों , वैसे तो जीव शास्त्री टाईप के लोग मानेंगे नहीं पर मनोवैज्ञानिक और भाषा शास्त्री जरूर मानते हैं कि कम से कम भारत में तो इंसानों और गधों का करीबी रिश्ता है.
- इसका एक और पक्ष यह है कि भाषा शास्त्री इसे ब्रिटिश पिरियड तक अनवरत लिखी जाने वाली पुराण परम्परा मानते हैं और इसीलिए भविष्यवाणियों ( ? ) को एकदम से खारिज कर देते हैं।
- उल्लेखनीय है कि भरतीय संस्कृति का मुखौटा पहिने भाजपा एक लम्बे समय तक चतुराईपूर्ण भाषा व प्रतीकों के माध्यम से साम्प्रदायिकता के कुटिल प्रयोग करती रही है , तब अनेक चालाक भाषा शास्त्री उसकी योजनाएं बनाते थे।
- सन् 1768 में डेनमार्क के क्रिश्चियन सप्तम ने प्रख्यात भाषा शास्त्री सर विलियमजोन्स को नादिर के एक इतिहासकार मंत्री मिर्जा मैहदी अस्तर अब्दाली द्वारा लिखी उसकी जीवनी को फारसी से फ्रेंच में अनुवाद करने का आदेश दिया।
- उनकी अध्यक्षता में पहली बार 1898 में भारतीय भाषाओं का सर्वेक्षण हुआ , उन्हें शिमला में एक छोटा सा कार्यालय दिया गया जहाँ द्विभाषी देशी भाषा शास्त्री जिलों में एकत्रित नमूनों की प्रेस प्रतियां तैयार किया करते थे।
- मिश्र ‘अमर ' (मैथिली कवि), डा. रामदेव झा (मैथिली कथाकार एवं मनीषी) पं. सुरेन्द्र झा ‘सुमन' (मैथिली कवि-पत्रकार), डा. सुभद्र झा (विश्वीविख्यात भाषा शास्त्री ), प्रतिबद्धता : माता, मातृभूमि, मातृभाषा, रंगमंचीय सक्रियता : भारती कला परिषद्, कबिलपुर, लक्ष्मी अभिन
- सत्यार्थ मित्र के सत्कर्म की एक और बानगी ! कितना विविध और विपुल रहा है हमारा वांग्मय ! गिरिजेश जी के इस वक्तव्य “ भाषा शास्त्री इसे ब्रिटिश पिरियड तक अनवरत लिखी जाने वाली पुराण परम्परा मानते हैं ”
- यह राजस्थानियोँ के साथ खिलवाढ व षड़यंत्र नहीँ तो और क्या है ? 10 . दुनियां भर के इतिहासकार , आलोचक , भाषा शास्त्री , भाषा विज्ञानी , शोधार्थी , विश्वविद्यालय राजस्थानी को हिन्दी से प्राचीन , संपूर्ण , अद्वितीय मानते हैँ ।