मकोड़ा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वैज्ञानिक जब उसके अध्ययन में थे , तब बड़े हैरान हुए कि क्या उस मकोड़े को यह भी पता नहीं चलता कि मैं मारा जा रहा हूं खाया जा रहा हूं र नष्ट किया जा रहा हूं ! मकोड़ा संभोग के बाद मुर्दा ही गिरता है।
- वैज्ञानिक जब उसके अध्ययन में थे , तब बड़े हैरान हुए कि क्या उस मकोड़े को यह भी पता नहीं चलता कि मैं मारा जा रहा हूं खाया जा रहा हूं र नष्ट किया जा रहा हूं ! मकोड़ा संभोग के बाद मुर्दा ही गिरता है।
- कहानी प्लेसमेंट एजेंसी ( पुन्नी सिंह ) , मकोड़ा ( महेन्द्र सिंह सरना ) , राजीव बाबू की खेती ( जयप्रकाश ) , कोसी सतलुज एक्सप्रेस ( अमिताभ शंकर राय चैधरी ) , एक दिन ( शुक्ला चैधरी ) एवं पराए समय में ( विद्या सिंह ) में हमारी मान्यताओं केे संरक्षण का स्वर सुनाई देता है।
- कहानी प्लेसमेंट एजेंसी ( पुन्नी सिंह ) , मकोड़ा ( महेन्द्र सिंह सरना ) , राजीव बाबू की खेती ( जयप्रकाश ) , कोसी सतलुज एक्सप्रेस ( अमिताभ शंकर राय चैधरी ) , एक दिन ( शुक्ला चैधरी ) एवं पराए समय में ( विद्या सिंह ) में हमारी मान्यताओं केे संरक्षण का स्वर सुनाई देता है।
- अरच्निद आठ टांगों दो उदरवाला जीव है . स्पाई -डर्स(मकड़ी ,मकड़े ),किलनी (जुआ ),घुन ,बिच्छु आदि इसी वर्ग के जीव हैं .यह एक बड़ा समूह है बिना रीढ़ वाले जीवों का .इसी वर्ग को -आर्थ्रो -पोडा कहा जाता है .इनमे से मकोड़ा और कुछ और जीव अपने शिकार को फंसाने के लिए अति महीन जाल बुनते है ।
- हम जो बाहर से देखते हैं , उनको लगता है कि यह आदमी पैर फूंक - फूंक कर रखता है , रात करवट भी नहीं लेता है कि कहीं कोई कीड़ा - मकोड़ा न दब जाए , गीली भूमि में नहीं चलता - क्योंकि गीली भूमि में कीटाणु होते हैं - पानी छानकर पीता है , रात भोजन नहीं करता , हमें ये बातें दिखायी पड़ी।
- सभी ब्लोगर साथियों मेरा सलाम कुबूल करें मेरा आदाब , जय श्रीकृष्ण ,राम राम,सतश्री अकाल आप और में सभी जानते हें के कितना ही बढ़ा कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति हो उसके लियें और सभी के लियें बुरे काम का बुरा नतीजा होता हे फिर भी हम रोज़ बुरे काम करते हें डरते नहीं और आफत में फंसने पर अपने अपने भगवान को याद करते हें कुछ ऐसा ही इनदिनों आम आदमी को कीड़ा मकोड़ा समझने वाले पुलिस अधिकारियों के साथ
- मकोड़ा खाइए और मर्द बन जाइए औषधीय मकोड़े रेड वेलवेट माईट पर मेरे शोध कार्यो को छत्तीसगढ़ के एक अखबार जनसत्ता ने बड़े ही रोचक ढंग से प्रकाशित किया था| आज जब मैंने इसपुरानी अखबारी कतरन को अपने ब्लॉग में डाला तो सहसा श्री राजकुमार सोनी जी के नाम पर नजर पडी , वे हिन्दी ब्लागिंग में सक्रीय है| उनकी रिपोर्टिंग ने इस शोध को सनसनीखेज बना दिया| मै उनके लेखन का सदा ही से कायल रहा हूँ| आप भी पढ़ें इसे
- हमने नि ” चय किया कि तालाब लीज में लेकर मछली पालन करें और वह मैंने किया मछली को ही अपना काम के साथ इस लिए जोड़ा कि मछली गांव में पानी का श्रोत बढ़ाता है और जहरीले कीड़ा मकोड़ा खत्म होता है वैज्ञानिक दृ ' िट से देखे तो मछली पालन झारखण्ड के लिए बहुत उपयोगी है इससे खेती ही नहीं वातावरण और पर्यावरण पर भी असर होता है साथ ही मानव जाति के लिए यह अति प्रोटीनयुक्त खाद्य सामग्री है।
- दोस्तों मुझे यह कहते हुए भी शर्म आती है के मेरे सदस्य सांसद लोगों से सवाल पूंछने की भी रिश्वत लेते हैं में जनता के प्रति जवाबदार हूँ लेकिन जनता को कीड़ा मकोड़ा समझने लगी हूँ मेरे सद्सस्य जनता के बीच नहीं जाते हैं उन्हें उनकी करतूतों की सजा देने वाला कोई नहीं है उन्हें मेरे कानूनों ने प्रोटेक्शन दे रखा है न तो वोह गिरफ्तार होते हैं ना ही उन्हें सजा मिलती है किसी चोर को चोर कहो तो संसद की अवमानना की कार्यवाही का डर बता कर ब्लेकमेल किया जाता है .