मत्स्यपुराण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नाम प्रदेश विशेष के हैं। ' मत्स्यपुराण के 113वें अध्याय में भी ऐसा
- नाम प्रदेश विशेष के हैं। ' मत्स्यपुराण के 113वें अध्याय में भी ऐसा
- ये दोनों चरित्र क्रमश : मत्स्यपुराण और कूर्मपुराण से उद्धत किये गये है।
- ये दोनों चरित्र क्रमश : मत्स्यपुराण और कूर्मपुराण से उद्धत किये गये है।
- मत्स्यपुराण [ 4 ] के अनुसार पृथ्वी की छाया मण्डलाकार होती है।
- विष्णु पुराण , मरकडेय और मत्स्यपुराण में ऋषियों के सर्ग का विवरण है।
- मत्स्यपुराण के अनुसार केतु बहुत से हैं , उनमें धूमकेतु प्रधान है।
- तमसा पिप्पलीश्येनी तथा चित्रोत्पलापि च।।” मत्स्यपुराण - भारतवर्ष वर्णन प्रकरण - 50 / 25)
- जो मत्स्यपुराण के अध्याय 249 के इस श्लोक संख्या 4 से स्पष्ट है-
- १६ . मत्स्यपुराण : उन्नीस हजार श्लोकों वाला यह भी एक प्राचीन ग्रंथ है।