मल्लिनाथ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आचार्य मल्लिनाथ ने इस पर टीका करते हुए लिखा है कि एतेनास्या : पद्मिनीत्व व्यज्यते।
- हम सिर्फ़ लिखते-बोलते चले जाय और अपनी व्याख्याओं के पक्ष में मल्लिनाथ का यह वाक्य
- पाठ है। मल्लिनाथ को भी ' सिन्धु' पाठ खटका था इसी से उन्हें अपनी टीका में
- 1 . भगवान मल्लिनाथ के मोक्ष जाने के बाद सत्र्रहवें काल में आठवें बिम्कम्बल केबली अहारगिरि (
- शड्खपद्यौ - आचार्य मल्लिनाथ ने शड़्ख और पद्य को कुबेर की निधियों के नाम माने हैं।
- सिद्धक्षेत्र 1 . भगवान मल्लिनाथ के मोक्ष जाने के बाद सत्र्रहवें काल में आठवें बिम्कम्बल केबली अहारगिरि (
- टीकाकार मल्लिनाथ ने भी उक्त श्लोक की टीका लिखते समय इस संबंध में आपत्ति की है ।
- मल्लिनाथ जी का जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही धूम धाम एवं भक्ति भाव से नया मंदिर , [...]
- संभवतः इसी दृष्टि से आचार्य मल्लिनाथ किरातार्जुनीय महाकाव्य की सर्वकंषा टीका में लिखते हैं - वर्णः प्रशस्तिः।
- ये सब मल्लिनाथ जी कि कृपा है . ”अपनी मुछो के किनारो भाले सी नुलीली बनाते मान सिंह कहते है,