मश्क़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मजमून http : //hindi.webdunia.com/miscellaneous/urdu/majmoon/ विविध> उर्दू साहित्य> मजमून Copyright Webdunia.com Sun, 14 Sep 2008 08:43:41 GMT hi-in आह! साग़र ख़य्यामी http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/urdu/majmoon/0809/11/1080911047_1.htm या तो दीवाना हँसे या तू जिसे तौफ़ीक़ दे वरना इस दुनिया में रेह कर मुस्कुरा सकता है कौन साग़र ख़्य्यामी ने भी हँसने और मुस्कुराने की एहमियत को समझा और Fri, 12 Sep 2008 05:32:47 GMT http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/urdu/majmoon/0809/11/1080911047_1.htm तबसिरा http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/urdu/majmoon/0809/09/1080909057_1.htm अज़ीज़ अंसारी आज़ादी के बाद मालवा की सरज़मीन से उभरने वाले मारूफ़ कोहना मश्क़ शायर हैं।
- कई बार शाइर बहर के चक्कर में अब , ये , तो , भी , वो आदि लफ़्ज़ बिना वज्ह शे ' र में डाल देता है जबकि कहन में उस लफ़्ज़ की कोई ज़रूरत नहीं होती ! शाइर को भर्ती के लफ़्ज़ों के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए ! जहां तक शाइरी में ऐब का सवाल है और भी बहुत से ऐब है जिन्हें एक शाइर अध्ययन और मश्क़ कर- कर के अपने कहन से दूर कर सकता है !
- वो पूछते है नाम मुझसे मेरे इश्क का और पूछते है हमसे इजहारे इश्क भी हाल क्या बताये अपने दर्देदिल का दो ओस की वो बूंदे बेहाल कर गयी चांदनी रात मे चुपके से आकर हमसे हमारा दिल लूट ले गयी कर दिया बदनाम हमको हमने लूटा है वो हमसे हमारी नींद चैन ले गयी कुछ न बचा वो बस एक नाम रह गया और मश्क़ मे ओस की वो दो बूँदें रह गयी और मश्क़ मे ओस की वो दो बूँदें रह गयी . ..
- वो पूछते है नाम मुझसे मेरे इश्क का और पूछते है हमसे इजहारे इश्क भी हाल क्या बताये अपने दर्देदिल का दो ओस की वो बूंदे बेहाल कर गयी चांदनी रात मे चुपके से आकर हमसे हमारा दिल लूट ले गयी कर दिया बदनाम हमको हमने लूटा है वो हमसे हमारी नींद चैन ले गयी कुछ न बचा वो बस एक नाम रह गया और मश्क़ मे ओस की वो दो बूँदें रह गयी और मश्क़ मे ओस की वो दो बूँदें रह गयी . ..