महाबाहु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस बारे में भगवान कृष्ण गीता में कहते है “हे महाबाहु ( अर्जुन) निस्संदेह मन अति चंचल है और कठिनता से वश में होने वाला है.
- अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते ॥ ' -गीता- ६ / ३ ५ हे कुन्तीपुत्र महाबाहु अर्जुन ! तुम्हारे इस कथन में कोई संशय नहीं है।
- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्न पुत्रेष्टि-यज्ञ से प्रसन्न देवराज इंद्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववंद्य महाबाहु परशुरामजी का जन्म हुआ।
- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्न पुत्रेष्टि-यज्ञ से प्रसन्न देवराज इंद्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववंद्य महाबाहु परशुरामजी का जन्म हुआ।
- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्न पुत्रेष्टि-यज्ञ से प्रसन्न देवराज इंद्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववंद्य महाबाहु परशुरामजी का जन्म हुआ।
- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा संपन्न पुत्रेष्टि-यज्ञ से प्रसन्न देवराज इंद्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववंद्य महाबाहु परशुरामजी का जन्म हुआ।
- इससे प्रसन्न होकर शिव जी ने राजा इल को स्थाई रूप से पौरुष प्रदान किया।“ श्री रामचन्द्र जी बोले , ”हे महाबाहु! वास्तव में अश्वमेघ यज्ञ अमित प्रभाव वाला है।”
- भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववन्द्य महाबाहु परशुराम का जन्म हुआ था।
- तभी अवसर पाकर महाबाहु राम ने एक विषधर समान बाण छोड़कर रावण का मस्तक काट डाला , परन्तु उसके स्थान पर रावण का वैसा ही दूसरा नया सिर उत्पन्न हो गया।
- यद्यपि विराट वज्रकाय दशानन को राम-बाण लगते थे मृदु पद्म-नाल से प्रत्युत्तर देने के लिए ही तो भी उसने वार कर एक अनिवार्य पुंखशर का रथ-ध्वजा काट डाली महाबाहु राम की।