मार्कंडेय पुराण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मार्कंडेय पुराण व शिव पुराण आदि में देवी के इस रूप का विशद वर्णन किया गया है इनके अनुसार जब देवी ने चंडी का रूप धरकर राक्षसों का संहार किया .
- जैसे कूर्म पुराण में अग्नि के स्थान में वायुपुराण; मार्कंडेय पुराण में लिंगपुराण के स्थान में नृसिंहपुराण; देवीभागवत में शिव पुराण के स्थान में नारद पुराण और मत्स्य में वायुपुराण है ।
- देवी दुर्गा जी के नौवें रूप का नाम देवी सिद्धिधात्री है , वे सभी प्रकार की सिद्धियों को देने में समर्थ हैं मार्कंडेय पुराण के अनुसार आठ प्रकार की सिद्धियाँ होती हैं :
- जैसे कूर्म पुराण में अग्नि के स्थान में वायुपुराण ; मार्कंडेय पुराण में लिंगपुराण के स्थान में नृसिंहपुराण ; देवीभागवत में शिव पुराण के स्थान में नारद पुराण और मत्स्य में वायुपुराण है ।
- जैसे कूर्म पुराण में अग्नि के स्थान में वायुपुराण ; मार्कंडेय पुराण में लिंगपुराण के स्थान में नृसिंहपुराण ; देवीभागवत में शिव पुराण के स्थान में नारद पुराण और मत्स्य में वायुपुराण है ।
- इसकी पुष्टि मार्कंडेय पुराण श्री दुर्गा सप्तशती की कथा से भी होती है , जिसमें सृष्टि के प्रारंभ काल की कुछ इस प्रकार से चर्चा है- सृजन की आरंभिक अवस्था में संपूर्ण रूप से सर्वत्र जल ही विमान था।
- किन्तु जो इनकी मौलिक पूजा शाक्त सम्प्रदाय वालो के द्वारा शक्तिसंगम तंत्र , शक्ति सूत्रम , तंत्र दुर्गा , चंडिका मार्तण्ड , मार्कंडेय पुराण एवं देवी भागवत के आधार पर क़ी जाती है , वह विशेष एवं अतिरिक्त प्रभाव वाली है .
- किन्तु जो इनकी मौलिक पूजा शाक्त सम्प्रदाय वालो के द्वारा शक्तिसंगम तंत्र , शक्ति सूत्रम , तंत्र दुर्गा , चंडिका मार्तण्ड , मार्कंडेय पुराण एवं देवी भागवत के आधार पर क़ी जाती है , वह विशेष एवं अतिरिक्त प्रभाव वाली है .
- यदि शिव मालिका , मार्कंडेय पुराण ( बाम्बे प्रकाशन ) , तंत्र विधान ( रहस्य राघवम ) , रहस्य वैतालिक एवं पिप्पल आख्यायिका का अध्ययन किया जाय तों इसके बना ने क़ी विशद विधि विधान को प्राप्त किया जा सकता है .
- यदि शिव मालिका , मार्कंडेय पुराण ( बाम्बे प्रकाशन ) , तंत्र विधान ( रहस्य राघवम ) , रहस्य वैतालिक एवं पिप्पल आख्यायिका का अध्ययन किया जाय तों इसके बना ने क़ी विशद विधि विधान को प्राप्त किया जा सकता है .