मिथ्या ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वह ब्लाग जगत के बारे में उन के मिथ्या ज्ञान को ही अभिव्यक्त करता है।
- संदिग्ध ज्ञान को संशय , मिथ्या ज्ञान को विपर्यय एवं ऊह (संभावना) को तर्क कहते है।
- संदिग्ध ज्ञान को संशय , मिथ्या ज्ञान को विपर्यय एवं ऊह (संभावना) को तर्क कहते है।
- वह ब्लाग जगत के बारे में उन के मिथ्या ज्ञान को ही अभिव्यक्त करता है।
- ७ . मोह- अज्ञान या मिथ्या ज्ञान ( विपरीत ज्ञान ) को मोह कहते हैं ।।
- विपर्यय वृत्ति मिथ्या ज्ञान अर्थात जिससे किसी वस्तु के यथार्थ रूप का ज्ञान न हो ॥८॥
- ज्ञान दो प्रकार का होता है , 1 - यथार्थ ज्ञान 2 - मिथ्या ज्ञान ।
- नया नहीं प्राप्त करना है बल्कि मिथ्या ज्ञान कि वह सीमित जीव है को ही हटाना है
- कभी वातावरण मिथ्या ज्ञान का कारण हो जाता है व्यक्ति की हालत में इसे अविद्या कहते है।
- यथार्थ ज्ञान को ज्ञान शब्द से एवं मिथ्या ज्ञान को अज्ञान शब्द से संबोधित करते हैं ।