मीठा नीम का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्लब अध्यक्ष बी . एल . मेहता ने बताया नगर कि विभिन्न चौराहों दुगार्नसरी , सेवाश्रम , देवेन्द्र धाम व फतहपुरा चौराहे पर प्रति व्यक्ति एक पौधा योजनान्तर्गत जनता को पीपल , पपीता , मीठा नीम , शीशम , तुलसी सहित विभिन्न किस्मों के पौधे प्रदान किये गये।
- क्लब अध्यक्ष बी . एल . मेहता ने बताया नगर कि विभिन्न चौराहों दुगार्नसरी , सेवाश्रम , देवेन्द्र धाम व फतहपुरा चौराहे पर प्रति व्यक्ति एक पौधा योजनान्तर्गत जनता को पीपल , पपीता , मीठा नीम , शीशम , तुलसी सहित विभिन्न किस्मों के पौधे प्रदान किये गये।
- वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत उपरोक्त सभी गणमान्य सदस्यों के साथ-साथ रोटेरियन मदन बांगा , रोटेरियन नितिन भाटिया , रोटेरियन अनिल गुप्ता , रोटेरियन संजय नन्दा एवं विश्वविद्यालय के रजिस्टार ए 0 के 0 सिंह ने कदम्ब , मीठा नीम , गुलमोहर , अशोक इत्यादि पौधें का रोपण किया।
- वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत उपरोक्त सभी गणमान्य सदस्यों के साथ-साथ रोटेरियन मदन बांगा , रोटेरियन नितिन भाटिया , रोटेरियन अनिल गुप्ता , रोटेरियन संजय नन्दा एवं विश्वविद्यालय के रजिस्टार ए 0 के 0 सिंह ने कदम्ब , मीठा नीम , गुलमोहर , अशोक इत्यादि पौधें का रोपण किया।
- सामग्री : 500 ग्राम मछली, 2-3 बड़े प्याज (बारीक कटे हुए), 1 चम्मच पिसी लाल मिर्च, पाव चम्मच पिसी हल्दी, 1 चम्मच खड़ा धनिया, 1 लहसुन की कली, 1 टुकड़ा अदरक, राई-जीरा एक चम्मच एवं मीठा नीम 4-5 पत्ता ( बघार के लिए), आधा चम्मच पिसी काली मिर्च, स्वादानुसार नमक।
- 2 मिनुट के बाद हरी मिर्ची काटके कड़ी में डालिए | उसके बाद मीठा नीम मिलाईये | अब स्टोव बंद करिए | पका हुआ चावल कुकरसे निकालिए | आधा चावल कड़ाई में डालिए और बाकी आधा चावल बड़ा कटोरा में डालिए | कटोरी में चावल अछी तरह मिलाईये फिर यह चावल बड़ा कटोरा में मिलाईये | 2 मिनुट के लिए बड़ा कटोरा में चावल खूब मिलाईये और अब आपके हाथ से पकाया गया निम्बू चावल खाने के लिए तयार है |
- पेड़-पौधों और प्रकृति के प्रति व्यक्ति के इनहरेंट या अन्तर्निहित खिंचाव को दर्शाती इस संग्रह की एक बड़ी प्यारी कविता है ' किराए का मकान ' जहां मकान और उसके विविध कमरों व किचन आदि की संरचना के बजाय मकान के दायरे में शामिल अमरूदों से लदा पेड़ , मोंगरे , रातरानी , रजनीगंधा , मीठा नीम , पुदीना और बारहमासी मुनगा अधिक महत्वपूर्ण हो उठते हैं और तब कवि को महसूस होता है जैसे- '' मुझे लगातार / महसूस हो रहा था / मैं मका नहीं / खुशियां ले रहा हूं किराए पर ''
- पेड़-पौधों और प्रकृति के प्रति व्यक्ति के इनहरेंट या अन्तर्निहित खिंचाव को दर्शाती इस संग्रह की एक बड़ी प्यारी कविता है ' किराए का मकान ' जहां मकान और उसके विविध कमरों व किचन आदि की संरचना के बजाय मकान के दायरे में शामिल अमरूदों से लदा पेड़ , मोंगरे , रातरानी , रजनीगंधा , मीठा नीम , पुदीना और बारहमासी मुनगा अधिक महत्वपूर्ण हो उठते हैं और तब कवि को महसूस होता है जैसे- '' मुझे लगातार / महसूस हो रहा था / मैं मका नहीं / खुशियां ले रहा हूं किराए पर ''