मैत्रायणी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कृष्ण यजुर्वेद की चार शाखाएं हैं- मैत्रायणी संहिता , काठक संहिता, कपिन्थल तथा संहिता।
- जिन शेष तीन यानी कौषीतकी , श्वेताश्वतर और मैत्रायणी पर वे भाष्य नहीं लिख
- प्रसिद्ध मैत्रायणी संहिता में नारद को आचार्य के रूप में सम्मानित किया गया है।
- तदनुसार मनुस्मृति मैत्रायणी शाखा के किसी प्राचीन मानव धर्मसूत्र का नवीन संस्करण मात्र है।
- की शाखा में ४ संहिताएँ -तैत्तिरीय , मैत्रायणी, कठ और कपिष्ठल कठ ही उपलब्ध हैं।
- की शाखा में ४ संहिताएँ -तैत्तिरीय , मैत्रायणी, कठ और कपिष्ठल कठ ही उपलब्ध हैं।
- कुल 180 मानी जाने वाली उपनिषदों में से एक उपनिषद का नाम है मैत्रायणी उपनिषद।
- की शाखा में ४ संहिताएँ -१ . तैत्तिरीय, २. मैत्रायणी, ३.कठ और ४.कपिष्ठल कठ ही उपलब्ध हैं।
- कृष्ण यजुर्वेद की चार शाखाएं हैं- मैत्रायणी संहिता , काठक संहिता , कपिन्थल तथा संहिता।
- मैत्रायणी उपनिषद ( 1,4 ) से इन् द्रद्युम् न के चक्रवर्ती होने का पता चलता है।