रामदास स्वामी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संघ के कार्य का स्वरूप समर्थ रामदास स्वामी द्वारा उनके कालखंड में किए गए संगठन कार्य की भांति होन के कारण उनका नाम भी स्वयंसेवकों के सामने नित्य रहना चाहिए।
- महाराष्ट्र के समर्थ रामदास स्वामी ने जगह जगह अखाड़ों इत्यादि की स्थापना करके हिन्दू युवकों में भाव का ऐसा जागरण अभियान प्रारंभ किया जिसके परिणामस्वरूप छत्रपति शिवाजी एवं उनके जैसे सैकड़ों वीर तैयार हो गए।
- समर्थ रामदास स्वामी ने संभाजी के नाम प्रेषित पत्र में उन्हें अपने पिता स्वरूप जीवन जीने का परामर्श दिया जिन शब्दों में समर्थ रामदास स्वामी ने छत्रपति शिवाजी के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं , उनसे हम सभी परिचित हैं।
- समर्थ रामदास स्वामी ने संभाजी के नाम प्रेषित पत्र में उन्हें अपने पिता स्वरूप जीवन जीने का परामर्श दिया जिन शब्दों में समर्थ रामदास स्वामी ने छत्रपति शिवाजी के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं , उनसे हम सभी परिचित हैं।
- इस नाम के समर्थन में उस स्वयंवेक ने कहा कि यह सही है कि समर्थ रामदास स्वामी और छत्रपति शिवाजी ने जुल्म ढहाने वाली बर्बर यावनी सत्ता को नष्ट कर स्वराज्य की स्थापना की- यही कार्य हमें भी करना है।
- ओम भवती पक्षकी रक्षा करें ' , ऐसा कहनेवाले रामदास स्वामी गांवगांवमें संपन्न घरके सामने जाकर खडे होकर कहते , ` ओम भवती भिक्षां देहि ' , कहीं अपमान होता था कहीं स्वागत , तो कहीं उस गृहस्थ अथवा गृहिणीका राजस अहंकार प्रकट होता था ।
- इसी तत्व के अनुसार श्री समर्थ रामदास स्वामी कहते हैं ' कीर्ति की ओर देखने से सुख नहीं है और सुख की ओर देखने से कीर्ति नहीं मिलती * ; और वे उपदेश भी करते हैं कि ' हे सज्जन मन ! ऐसा काम करो जिससे मरने पर कीर्ति बनी रहे।