रामश्री का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आज से छः वर्ष पूर्व मैंने स्वयं अपने इन्हीं हाथों से लेखनी उठाकर , अपनी ओर से हस्ताक्षर करके एक दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति को सौंपी थी , जिसमें बंदिनी रामश्री के प्राणों की भीख माँगी थी।
- मामला रामश्री की माफ़ी का हो या धनंजय की फांसी का एक बहुत बडा सवाल जो हमारे सामने खड़ा है वह यह कि हर जुर्म की सज़ा पाने के लिए सिर्फ ग़रीब लोग ही जेल में क्यों है ?
- मामला रामश्री की माफ़ी का हो या धनंजय की फाँसी का , एक बहुत बड़ा सवाल जो हमारे सामने खड़ा है , वह यह कि हर जुर्म की सज़ा पाने के लिए सिर्फ ग़रीब लोग ही जेल में क्यों है?
- इस मौके पर अभिनव गंगवार , संजय गंगवार, भूपेंद्र सिंह, निर्वेश भारती, कमल गंगवार, अर्जुन गंगवार, संतोष सक्सेना, दिलीप राठौर, नीरज राठौर, रनवीर सिंह , विजयपाल सिंह, धर्मेंद्र गंगवार, प्रमोद गंगवार, ऋषिपाल राठौर, रजनी राठौर, रामश्री, गोविंद सिंह आदि मौजूद रहे।
- बुधवार की सुबह महिला जनकगंज थाने पहुंची , पुलिस ने इसकी शिकायत पर छोंदा और पोखन के खिलाफ दुष्कर्म और बलात्कार किए जाने तथा राजा, पप्पू, कप्तान, रामश्री और शांति के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और बंधक बनाने का मामला दर्ज किया है।
- मामला रामश्री की माफ़ी का हो या धनंजय की फाँसी का , एक बहुत बड़ा सवाल जो हमारे सामने खड़ा है , वह यह कि हर जुर्म की सज़ा पाने के लिए सिर्फ ग़रीब लोग ही जेल में क्यों है ?
- इस मामले में मृतक की पत्नी रामश्री का कहना है कि उनके पति रामकुमार के यहां दवा छिड़काव को नही जा रहे थे लेकिन वह हाथ पकड़कर ले गया तथा घटना के बाद रामकुमार के घर के सभी लोग मकान में ताला लगाकर भाग गये है।
- मिली जानकारी के अनुसार रामश्री पत्नी कैहर सिंह निवासी कोली वाली पोखर थाना बल्देव अपने नाती मोहन के साथ पानी भरने गई थी कि इसी दौरान वृद्वा रामश्री का ग्राम के ही राम पुत्र ललुआ व उसके भाई गोपाल से कहासुनी होने के बाद मारपीट हो गई।
- मिली जानकारी के अनुसार रामश्री पत्नी कैहर सिंह निवासी कोली वाली पोखर थाना बल्देव अपने नाती मोहन के साथ पानी भरने गई थी कि इसी दौरान वृद्वा रामश्री का ग्राम के ही राम पुत्र ललुआ व उसके भाई गोपाल से कहासुनी होने के बाद मारपीट हो गई।
- माननीय न्यायाधीशों ने रामश्री के विषय में लिखा था कि उसके वकील ने एक बार भी उसे निर्दोष सिद्ध करने की कोशिश ही नहीं की थी , केवल उसकी सज़ा कम करने का अनुरोध किया था, अतः न्यायाधीश के पास फाँसी देने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं था।