रिजक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहाँ तक की हम उनसे रिजक तलब करने लगे जो तुझ से रिजक पाने वाले हैं और उम्र रसीदा लोगुन की उमर देख के हम भी दरजिया उमर की आरज़ू करने लगे .
- यह भगवान का शुक्र है की उसने जन्म- मौत और रिजक जैसी अहम चीजे अपने हाथ में रखी है नहीं तो दूसरे हालात में असल हालत क्या होती इसको कोई भी नहीं जानता और अनुमान लगाना इंसानी बुद्धि से परे है . ....
- यह भगवान का शुक्र है की उसने जन्म- मौत और रिजक जैसी अहम चीजे अपने हाथ में रखी है नहीं तो दूसरे हालात में असल हालत क्या होती इसको कोई भी नहीं जानता और अनुमान लगाना इंसानी बुद्धि से परे है … . .
- सो अब जमीन माता के पेट भरने के काबिल जल नहीं बरसता है इससे दुखी है क्योंकि जैसा मेह बरसता है जब जमीन माता जल को पीती है , जब मेवा मिष्टान रिजक वनास्पति वगैरा अच्छी तरह से होती है, जब सब जीवाजून पलती है;
- सो जब ही तो हिन्दुस्तान की बादशाहत को और रिजक को करामात के सबब से डूबो दिया है और दूसरी विलायतों में इनकी दूकानें जावेगी तो उनका भी वहीं हाल होगा कि जैसा हिन्दुस्तान का हुआ है ; और उनको भी करामातों के जुलम से भुलावेंगे।
- सोचें कि एक शख्स रोज़ी कि तलाश में घर से निकला है , उसके छोटे छोटे बाल बच्चे और बूढे माँ बाप उसके हाथ में लटकती रिजक (भोज्य सामग्री) की पोटली का इन्तेज़ार कर रहे हैं और इसको मुहम्मद के दीवाने जहाँ पाते हैं उसे क़त्ल कर देते हैं?
- रिजक की तंगी के वक़्त की दुआ ( सहिफा इ सज्जडिया २९ )जब रिजक की तंगी हो तोह यह दुआ पढो बिस्मिल्लाह हीर रहमानिर रहीम ऐ अल्लाह तूने रिजक के बारे मैं बेयकीनी से और ज़िन्दगी के बारे मैं तूले अमल से हमारे आज़माइश की है.यहाँ तक की हम उनसे रिजक
- रिजक की तंगी के वक़्त की दुआ ( सहिफा इ सज्जडिया २९ )जब रिजक की तंगी हो तोह यह दुआ पढो बिस्मिल्लाह हीर रहमानिर रहीम ऐ अल्लाह तूने रिजक के बारे मैं बेयकीनी से और ज़िन्दगी के बारे मैं तूले अमल से हमारे आज़माइश की है.यहाँ तक की हम उनसे रिजक
- रिजक की तंगी के वक़्त की दुआ ( सहिफा इ सज्जडिया २९ )जब रिजक की तंगी हो तोह यह दुआ पढो बिस्मिल्लाह हीर रहमानिर रहीम ऐ अल्लाह तूने रिजक के बारे मैं बेयकीनी से और ज़िन्दगी के बारे मैं तूले अमल से हमारे आज़माइश की है.यहाँ तक की हम उनसे रिजक
- रिजक की तंगी के वक़्त की दुआ ( सहिफा इ सज्जडिया २९ )जब रिजक की तंगी हो तोह यह दुआ पढो बिस्मिल्लाह हीर रहमानिर रहीम ऐ अल्लाह तूने रिजक के बारे मैं बेयकीनी से और ज़िन्दगी के बारे मैं तूले अमल से हमारे आज़माइश की है.यहाँ तक की हम उनसे रिजक