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रिश्वतख़ोरी का अर्थ

रिश्वतख़ोरी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. काश इनको समझ आती की क्या वह वो दिन ला पाएँगे जब हमारी नई पीढ़ियाँ पूछें कि बेईमानी , भ्रष्टाचार, रिश्वतख़ोरी, झूठ, लालच और धोखाधड़ी किस चिड़िया का नाम है?
  2. इस संपत्ति कों प्राप्त करने के लिए अवैध तरीके अपनाए जाते हैं , मजबूर और जरूरत मंद लोगों की कमजोरी का फायदा उठाकर लोग रिश्वतख़ोरी में लिप्त होते हैं।
  3. भ्रष्टाचार के मामले पर किसी कंपनी के ख़िलाफ़ कारवाई बहुत मुश्किल थी क्योंकि उसमें ये साबित करना होता था कि रिश्वतख़ोरी में कंपनी के किसी बड़े अधिकारी का हाथ था .
  4. छीनछपटी , चोरी , डकैती , यौनअपराध , रिश्वतख़ोरी से लेकर आतंकवाद जैसे दानव इसीलिए मुंहबाए खड़े रहते हैं क्योंकि सबको पता है की इस देश में उन्हें कोई डर नहीं है
  5. छीनछपटी , चोरी , डकैती , यौनअपराध , रिश्वतख़ोरी से लेकर आतंकवाद जैसे दानव इसीलिए मुंहबाए खड़े रहते हैं क्योंकि सबको पता है की इस देश में उन्हें कोई डर नहीं है
  6. जिसके जवाब में कांग्रेस का कहना है कि उसने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपने कई मंत्रियों और वरिष्ठ कार्यक्रताओं के ख़िलाफ़ कारवाई की है जबकि बीजेपी रिश्वतख़ोरी के मामले पर दोहरी नीति अपना रही है .
  7. सलमा जी नववर्ष व दूसरी सहस्राब्दी दूसरे दशक के आगमन पर बी . बी. सी. हिन्दी परिवार को भी शुभ मंगल कामनाएं ! मेरा यह मानना है कि आधे से ज्यादा समस्याएं हमारी सकारात्मक सोच रखने से खत्म हो सकती हैं ! इस वक्त पूरे विश्व में बेईमानी, भ्रष्टाचार, रिश्वतख़ोरी, झूठ, लालच और धोखाधड़ी पूरे उफान पर है !
  8. मध्यवर्ग के लेखक जिनमें से कई ऊंचे सरकारी पदों पर बैठे हंै , ऊंची तनख्वाह पा रहे हैं और शराबख़ोरी तथा रिश्वतख़ोरी जैसी अनेक आदतों में लिप्त हैं , वे भी स्वयं को माक्र्सवादी , गरीबों के रहनुमा , दलितों के हितैषी सिद्ध करने की होड़ में ग्रामीण अंचलों पर आधारित अतिरंजित , अतिशयोक्ति पूर्ण कहानियां लिख रहे हैं।
  9. शादी ब्याह के मामले मेँ लड़की वालोँ का यह प्रश्न आम हुआ करता था कि लड़के को ‘ ऊपर की आमदनी ' होती है या नहीँ ? वेतन कम होना कोई अवगुण नहीँ होता था , असली अवगुण होता था ‘ ऊपर की आमदनी ' न होना . समाज मेँ तथाकथित भ्रष्टाचार यानी रिश्वतख़ोरी का चलन कोई आज की बात नहीँ है .
  10. तमाम आलोचकों का यह मानना है कि रिश्वतखोरी , भ्रष्टाचार अथवा काले धन या हराम की कमाई को लेकर यह धर्मगुरु इसलिए सार्वजनिक रूप से अपने शिष्यों व भक्तों को कुछ नहीं कहते क्योंकि इनका अपना ' अध्यात्म कारोबार ' स्वयं ही इसी प्रकार की कमाई , ऐसी ही काली कमाई में से दिए जाने वाले दान तथा रिश्वतख़ोरी के पैसों से इन पर चढ़ाए जाने वाले चढ़ावे से चलता है।
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