रैवत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक दिन रैवत पर्वत में एक महोत्सव के आयोजन से अर्जुन ने बलपूर्वक सुभद्रा को अपने रथ पर चढ़ा कर उसका हरण कर लिया।
- एक दिन रैवत पर्वत में एक महोत्सव के आयोजन से अर्जुन ने बलपूर्वक सुभद्रा को अपने रथ पर चढ़ा कर उसका हरण कर लिया।
- रैवत पक्षीय सिद्धान्त के अनुसार वरनल इक्वीनोक्स ( Vernal Equninox ) रेवती नक्षत्र ( Revati Nakshatra ) के जेटापिसीयम ( Zeta Pascium ) तारे से टकराता है .
- इस प्रकार केवल दो साहित्यिक पुस्तकें बचीं जो वर्णनात्मक ( डेस्क्रिप्टिव ) हैं एक में नंद के ज्योनार का वर्णन है , दूसरे में गुजरात के रैवत पर्वत का।
- उनके गुरु रैवत ने उन्हें बतलाया कि भारत में केवल लंका से मूल पालि त्रिपिटक ही आ सकता है , उनकी महास्थविर महेंद्र द्वारा संकलित अट्टकथाएँ सिंहली भाषा में लंका द्वीप में विद्यमान हैं।
- उनके गुरु रैवत ने उन्हें बतलाया कि भारत में केवल लंका से मूल पालि त्रिपिटक ही आ सकता है , उनकी महास्थविर महेंद्र द्वारा संकलित अट्टकथाएँ सिंहली भाषा में लंका द्वीप में विद्यमान हैं।
- • पुराणों में चौदह मन्वंतर इस प्रकार हैं- 1 . स्वायंभुव , 2 . स्वारोचिष , 3 . उत्तम , 4 . तामस , 5 . रैवत , 6 . चाक्षुष , 7 . वैवस्वत , 8 .
- • पुराणों में चौदह मन्वंतर इस प्रकार हैं- 1 . स्वायंभुव , 2 . स्वारोचिष , 3 . उत्तम , 4 . तामस , 5 . रैवत , 6 . चाक्षुष , 7 . वैवस्वत , 8 .
- इन्द्रियों के अभिमानी देवो के समान ही स्पर्श रूप रस गन्ध आदि तत्वों के अभिमानी अपान व्यान उदान आदि वायु देवों की सृष्टि हुयी । रैवत । चाक्षुष । स्वरोचिष । उत्तम । ब्रह्मसावर्णि । रुद्रसावर्णि । देवसावर्णि । दक्षसावर्णि । धर्मसावर्णि आदि मनु हुये ।
- कुंडली में लगन को नारायण और अलावा भावों को ग्यारह रुद्रों के रूप में जाना जाता है , उनके नाम इस प्रकार से हैं -अजैकपात , अहिर्बुन्ध , कपाली , हर , बहुरुप , त्र्यम्बक , अपाराजित , वृषाकपि , शम्भु , कपर्दी और रैवत ।