लुगड़ी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रामकली के सुर्ख रंग की तंग कुर्ती , घेरदार छींट का घाघरा उसके उपर पीत रंग की लुगड़ी से उसके रूप लावण्य छन छन कर सफेद धूप सा प्रतीत हो रहा था .
- पर अब तो मैं बड़ा हो गया हूं , वो फ्रॉक पहन के उछलना , लुगड़ी के लि ए झगड़ना , छोटी-छोटी चैतें करके , छम् बों पे जा छि पना , पर अब तो ..........
- पर अब तो मैं बड़ा हो गया हूं , वो फ्रॉक पहन के उछलना , लुगड़ी के लि ए झगड़ना , छोटी-छोटी चैतें करके , छम् बों पे जा छि पना , पर अब तो ..........
- वह फूंकती है चूल्हा उपले-सरकंडों की चरड़-चरड़ रोटी की महक फैली है वह नहा रही है पीटने को पड़े हैं मैले लत्ते वह घाघरा पहन रही ऊपर कुर्ती सिर पर गोटेवाली लुगड़ी ‘ बस-बस ! हो गया सिंगार ' वह घूंघट निकाल रही
- जहाँ शरणार्थियों के के छोटे छोटे खोखे हुआ करते थे थियेटर के सामने खड्ड में पहाड़ सा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा होगया है और तिबतीयन आंटी की भट्टी थी जुमा , मोमो , लुगड़ी पुल के सिरे वाला पनवाड़ी लगता है सब लोग कहीं शिफ्ट कर गए हैं
- जहाँ शरणार्थियों के के छोटे छोटे खोखे हुआ करते थे थियेटर के सामने खड्ड में पहाड़ सा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा होगया है और तिबतीयन आंटी की भट्टी थी जुमा , मोमो , लुगड़ी पुल के सिरे वाला पनवाड़ी लगता है सब लोग कहीं शिफ्ट कर गए हैं
- ‘नई लुगड़ी , बनैले सुअर, अंतहीन सिलसिला, बही के आंकड़े, भूमिका, दाग, फैसला, कोढ़ का पेड़, बड़ी मछली का आहार, जैसी लघुकथाएँ विक्रम सोनी की सूक्ष्म दृष्टि का परिचायक तो हैं ही पर इनमें मानवीय रिश्तों, व्यवस्था तथा आर्थिक खोललेपन की सटीक, सजीव तथा प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया है।
- मैत्रेय , क्या तुम राजा की तरह आओगे ? ( दलाई लामा के जिस्पा आने पर ) मैंने भी सुना था मैत्रेय , तुम आने वाले हो मैं भी आँखे बिछाए रहता था आँगन में धूप तापता फाट पे डंगर हांकता खेत पे हल जोतता लुगड़ी पीता , मेलों में ' ठुच्च ` नाचता - हर शाम सोते बच्चे को तेरे आने की कहानियाँ सुनाता।